आपका-अख्तर खान

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08 अप्रैल 2012

जो साम्प्रदायी है वोह कभी राष्ट्र प्रेमी और जो राष्ट्रप्रेमी है वोह कभी साम्प्रदायिक नहीं हो सकता आप और आपके नेता किस श्रेणी में हैं जनाब

दोस्तों अस्सलामो आलेकुम ..आदाब ..नमस्ते ....एक नई खुशनुमा सुबह मुबारक हो ...........आप को एक कड़वा ओर बहुत कड़वा सच कहता हूँ ....ज़रा सोचो ..ज़रा समझो .........कोई भी नेता ..कोई भी धर्मगुरु ..कोई भी देशी विदेशी जिसमे राष्ट्रीयता ओर भारत के प्रति प्रेम होगा वोह किसी भी सूरत मे सांप्रदायिक नहीं हो सकता क्योंकि इससे देश टूटने की बात होती है ओर जो सांप्रदायिक होगा वोह कभी भी राष्ट्र भक्त ओर राष्ट्रीय नहीं हो सकता क्योंकि इससे देश बिखरता है देश की सुख शांति .अमन चेन राष्ट्रीय विकास ओर अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि रुकती है ..तो जनाब यह सच है जो सांप्रदायिक है वोह देशभक्त राष्ट्रीय नहीं हो जो राष्ट्रीय है वोह सांप्रदायिक नहीं ..अब हम ओर आप खुद अपने गिरहबान मे झाँके ..क्या हम हमारे देश से प्रेम करते है क्या हम राष्ट्रप्रेमी है ..अगर हम राष्ट्रप्रेमी है तो क्या हम अपना नेता अपना धर्मगुरु राष्ट्रप्रेमी को ही चुनते है या फिर हम भए देश के दुश्मन बन kar देश तोड़ने वालों को अपना सिरमोर बना कर गद्दारों की गिनती मे खड़े है ज़रा सोचो ..खुद को बदलो राष्ट्रप्रेमी बनो ओर राष्ट्रीय एकता ..राष्ट्रीय विकास की बात करो ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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