आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

12 अप्रैल 2012

दूसरी शादी से बचे हिंदुस्तान के मुसलमानः दारुल उलूम


दारुल उलूम से जारी किए गए ताजा फतवे में मुसलमानों को एक से ज्यादा शादी से बचने की सलाह दी गई है। इसके मुताबिक इस्लाम एक से ज्यादा शादी की इजाजत इस शर्त के साथ देता है कि दोनों बीवियों को एक जैसा इंसाफ और हक मिलना चाहिए। लेकिन मौजूदा भारतीय हालातों में बराबर के इंसाफ को मुश्किल करार देते हुए मदरसे ने सलाह दी है कि हिंदुस्तान के मुसलमान एक से ज्यादा बीवियां रखने से बचें।

देवबंद. देश के शीर्ष इस्लामी शिक्षा संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने एक चौंकाने वाला कदम उठाते हुए हिंदुस्तान में रह रहे हुए मुसलमानों को हिदायत दी है कि वो दूसरी शादी से बचें। इस शीर्ष मदरसे ने कहा है कि हिंदुस्तान की परिस्थितियों में यह माकूल नहीं है कि मुसलमान दो शादियां करे। अपनी इस सलाह में दारुल उलूम ने कहा है कि हिंदुस्तानी रीति-रिवाजों में दो-दो बीवियों को एक जैसा इंसाफ और हक मुहैया कराना मुश्किल है।

दारुल उलूम देवबंद हिंदुस्तान में रह रहे मुसलमानों के जीवन से जुड़े तमाम पहलुओ पर अपनी सलाह और फतबे जारी करता रहा है। इस मदरसों को राष्ट्रीय एकता के विचारों को भी बढ़ावा देने के लिए जाना जाता रहा है लेकिन यहां से कई फतवे ऐसे भी निकले हैं जिसके कारण इसे कट्टरपंथी करार देते हुए खूब आलोचना भी हुई है।

इस फतवे में कहा गया है कि भारत में पहली बीवी के जिंदा रहते दूसरी शादी करना सही नहीं माना जाएगा क्योंकि यहां के रीति-रिवाजों को देखते हुए दो-दो बीवियों से पूरा-पूरा इंसाफ करना मुश्किल है।

उत्तर प्रदेश इमाम ऑर्गनाइजेशन के प्रेजिडेंट मुफ्ती जुल्फिकार ने कहा कि इस्लाम ने एक से ज्यादा शादी को इसी शर्त पर मान्य बताया है कि शौहर दोनों बीवियों से एक जैसा व्यवहार सुनिश्चत करे। मगर मौजूदा हालात में दोनों बीवियों को एक जैसी सुख-सुविधाएं और बराबर का हक मुहैया कराना मुश्किल है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...