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19 अप्रैल 2012

हीरोइन का कटा सिर लेकर दो दिन घूमते रहे हत्‍यारे



इलाहाबाद. मॉडल और अभिनेत्री मीनाक्षी थापा के सिर की तलाश गुरुवार को जारी है। उनकी सिर कटी लाश बुधवार को बरामद की गई थी।

मीनाक्षी का शव इलाहाबाद की दरभंगा कॉलोनी स्थित प्रीति सुरीन के घर से बरामद हुआ था। प्रीति के पिता नवीन परिवार सहित इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज के बंगले में बने सर्वेंट क्वार्टर में किराए पर रहते हैं। नवीन एक कॉलेज में काम करते हैं। पुलिस ने मीनाक्षी का सिर कटा शव इस बंगले के पानी के टैंक से बरामद किया।

प्रीति और अमित ने नेपाली मूल की 26 वर्षीय अभिनेत्री मीनाक्षी का फिरौती के लिए अपहरण किया था। उन्हें हत्या के आरोप में 15 अप्रैल को मुंबई के बांद्रा में गिरफ्तार किया था। मंगलवार को उन्हें इलाहाबाद लाया गया।

मुंबई में 26 वर्षीय प्रीति और 36 वर्षीय अमित फिल्म कलाकार बनने के लिए संघर्ष कर रहे थे। दोनों की एक फिल्म की शूटिंग के दौरान मीनाक्षी से मुलाकात हुई। उन्होंने 12 मार्च को पूर्व-निर्धारित योजना के अनुसार मीनाक्षी को एक्टिंग असाइनमेंट का लालच दिया। उसे उत्तरप्रदेश आने के लिए राजी किया। मीनाक्षी का अपहरण कर उसके परिवार से 15 लाख रुपए की फिरौती मांगी। जब पता चला कि उसका परिवार इतना पैसा नहीं दे सकता तो मीनाक्षी की 16 मार्च को हत्या कर दी। उसके बाद सिर काट कर इलाहाबाद से गोरखपुर लौटते समय बीच रास्ते में फेंक दिया। इलाहाबाद-जौनपुर हाइवे पर मीनाक्षी के सिर की तलाश की जा रही है।

अमित व प्रीति ने धारदार हथियार की मदद से 14 मार्च को दरभंगा कालोनी के बंगले के सर्वेट क्वार्टर में मीनाक्षी की गला दबाकर हत्या की थी। पोस्‍टमॉर्टम से भी गला दबा कर हत्‍या की जाने की पुष्टि हुई है। हत्या के बाद आरोपियों ने मीनाक्षी के मोबाइल से उसकी मां को फोन कर 15 लाख की फिरौती मांगी और कहा कि पैसा मीनाक्षी के एकाउंट में डाल दें।

मीनाक्षी के दाहिने पैर की हड्डी फ्रैक्चर थी। जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि मीनाक्षी की हत्या करने के बाद जब शव को ठिकाने लगाने के लिए हत्यारे घसीटकर सेप्टिक टैंक तक ले जा रहे थे उसी दौरान ठोकर लगने से शायद उसके पैर की हड्डी टूट गई हो। इसके अलावा शरीर पर कहीं भी चोट के निशान मौजूद नहीं थे। बुधवार देर शाम मीनाक्षी के भाई व जीजा ने दारागंज घाट पर लाश का अंतिम संस्कार किया। मुंबई पुलिस की मौजूदगी में भाई अजय ने मीनाक्षी के शव को मुखाग्नि दी।
उधर, पुलिस की पूछताछ में अमित और प्रीति ने बताया कि मीनाक्षी की हत्या 14 मार्च को ही कर दी गई थी। अमित ने शव को टैंक में डालने के बाद सिर को पोलीथिन में भरा और उसे ठिकाने लगाने के लिए दोनों सिविल लाइंस बस अड्डे पर गए। वहां से लखनऊ के लिए वाल्वो बस में बैठे। अमित ने सोचा था कि रास्ते में कहीं सन्नाटा दिखने पर खिड़की का शीशा खोलकर वह उस बैग को नीचे फेंक देगा। लेकिन एसी बस का शीशा नहीं खुला। तब रात लखनऊ में ही गुजार कर दोनों अगले दिन वाया जौनपुर बनारस के लिए रवाना हुए। इसी बीच रास्ते में कहीं उसने मीनाक्षी के सिर को फेंका।

मीनाक्षी एक बड़ी अभिनेत्री बनने का ख्वाब लेकर मुंबई गई थी। उसके बड़े भाई नवरोज थापा ने शुरुआत में उसे मायानगरी से दूर रहने की सलाह दी थी, लेकिन उसने एक न सुनी। अमित जायसवाल और प्रीति एल्विन सूरीन को लगा कि मीनाक्षी काफी अमीर घर से है। वे उसे सोने के अंडे देने वाली मुर्गी समझ बैठे थे। लेकिन असलियत खुलने पर उन्‍होंने उसका कत्‍ल कर दिए। फिर भी वे जितना हो सके, उतना पैसा ऐंठ लेना चाहते थे। कत्‍ल के बाद उन्‍होंने मीनाक्षी के ही मोबाइल से उसकी मां के पास मैसेज भेजा कि मीनाक्षी अब उनके कब्जे में है। अगर वह उसकी खैरियत चाहते हैं तो 15 लाख रुपयों का इंतजाम करके उसके खाते में जमा कर दें।

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