नई दिल्ली. कांग्रेस के राज्यसभा भेजने के प्रस्ताव पर सचिन की रजामंदी ने उनकी राजनीतिक पारी के आगाज का रास्ता लगभग साफ कर दिया है।
सचिन तेंदुलकर ने आज अपनी पत्नी अंजली के साथ यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी जिसके दौरान सोनिया गांधी ने सचिन को राज्यसभा में मनोनीत किए जाने के सरकार की इच्छा के बारे में बताया।
मुलाकात के बाद सचिन की ओर से कहा गया था कि वो सोच कर इस विषय में बताएंगे लेकिन अब आ रही रिपोर्टों के मुताबिक सचिन तेंदुलकर ने भी राज्य सभा से राजनीतिक पारी के आगाज का मन बना लिया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी सचिन को राज्यसभा में भेजने के संबंध में गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखी है। गृह मंत्रालय की राय के बाद राष्ट्रपति सचिन को राज्यसभा के लिए मनोनीत कर सकती हैं। राष्ट्रपति ने भी सचिन को मनोनीत किए जाने की सिफारिश मंजूर कर ली है। हालांकि अभी सरकार की ओर से इसका औपचारिक ऐलान होना बाकी है। सचिन के साथ साथ बॉलीवुड अदाकार रेखा को भी मनोनीत किया जाना है।
इस पूरी प्रक्रिया में एक महीने तक का वक्त लग सकता है। सचिन तेंदुलकर भारत के लिए खेलने के दौरान राज्यसभा के सदस्य बनने वाले पहले क्रिकेट खिलाड़ी होंगे।
इससे पहले टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भी राज्यसभा भेजे जाने की चर्चा हो चुकी है। झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के उपाध्यक्ष समरेश सिंह ने राज्यसभा उम्मीदवार के लिए धोनी के नाम का प्रस्ताव रखा है। उनका दावा है कि इस पर पार्टी विचार कर रही है।
समरेश सिंह ने कहा कि हम उस व्यक्ति को राज्यसभा में क्यों नहीं भेज सकते, जिनके नेतृत्व में टीम इंडिया ने क्रिकेट विश्वकप जीता? हालांकि उनके सवाल पर पार्टी या धोनी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
सचिन के राज्यसभा में जाने पर भाजपा ने भी अपनी सहमति जता दी है। कांग्रेस और भाजपा के कई नेताओं ने सचिन के राज्यसभा में भेजे जाने का स्वागत किया है। सचिन के राज्सभा में जाने की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता बलवीर पुंज ने कहा कि सरकार ने खेलों के महत्व को समझा है और खिलाड़ियों को महत्व दिया है। सचिन पूरे विश्व में खेलों के हीरो हैं। सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया जाना चाहिए।
वहीं भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता और बीसीसीआई के संयुक्त सचिव अनुराग ठाकुर का कहना है कि सचिन को अभी खेलना चाहिए, राजनीति में वो बाद में भी आ सकते हैं। ठाकुर ने कहा कि सचिन महान खिलाड़ी हैं, देश के लिए उनका महान योगदान है, सचिन के लिए भारत रत्न की पैरवी की जाती थी और हम भी उसका समर्थन करते रहे हैं।
मुझे लगता है कि भारत के लोग उनके बल्ले के जादू को देखना चाहते हैं, उन्होंने जो हासिल किया है उससे और ज्यादा हासिल करें। मैदान पर उनका हर पल भारत के लिए यादगार रहे। राजनीति में आने के लिए अभी उनकी बहुत उम्र बाकी है।
समाजवादी पार्टी के नेता शाहिद सिद्दीकी ने कहा कि राज्यसभा जाने से सचिन के खेल पर असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि सचिन खुद मानते हैं कि उन्हें अभी चार-पांच साल क्रिकेट खेलना है, हमें डर है कि कहीं इससे उनके खेल पर असर न पड़े।
सचिन की छवि पर पड़ेगा असर?
फिल्मकार अशोक पंडित का कहना है कि एक राजनीतिक पार्टी के प्रस्ताव पर सचिन के राज्यसभा में जाने से उनकी छवि पर असर पड़ेगा। सचिन को राजनीतिक पार्टी के प्रस्ताव पर यह फैसला लेने से पहले सोचना चाहिए था।
कौन है सचिन को राज्यसभा भेजने के पीछे
सचिन के राज्यसभा में जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय टीम के पूर्व खिलाडी़ और उनके बचपन के दोस्त विनोद कांबली ने कहा कि सचिन तेंदुलकर को अभी और क्रिकेट खेलनी है, सचिन ने खुद कहा था कि उन्हें अभी लंबी पारी खेलनी है, मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि वो अचानक राजनीति में क्यों आ रहे हैं। हमे ये जानना होगा कि उनके इस फैसले के पीछे कौन है। मेरा अभी भी मानना है कि सचिन जिस क्षेत्र में जा रहे हैं वो बहुत भयानक हैं।
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