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07 अप्रैल 2012

शिक्षा विभाग ने स्कूलों में ‘इंडियन’ और ‘नेशनल’ को माना गैर कानूनी


कोटा. प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने एक आदेश जारी कर प्राइवेट शिक्षा संस्थानों के नाम के आगे ‘इंडियन’ या ‘नेशनल’ शब्द अंकित करने को गैर-कानूनी बताया है।

डीईओ रश्मि शर्मा ने बताया कि निदेशक,प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय,बीकानेर से मिले पत्र के अनुसार, ‘इंडियन’ या ‘नेशनल’ शब्द अंकित करना ‘राष्ट्रीय चिन्ह व नाम अधिनियम,1950’ का उल्लंघन है। ऐसी संस्थाओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे तत्काल प्रभाव से अपने स्कूल के नाम के आगे इंडियन या नेशनल नाम को हटाएं।

यह आदेश विधि विरुद्ध

॥एंबलम्स एंड नेम (प्रिवेंशन ऑफ इम्प्रॉपर यूज) एक्ट 1950 के तहत दोनों नाम का दुरुपयोग या किसी व्यापार में इन शब्दों का इस्तेमाल करने पर 6 माह की सजा का प्रावधान है। लेकिन शिक्षा या स्कूल व्यापार की श्रेणी में नहीं आते हैं, इसलिए यह आदेश विधि विरुद्ध है। सभी निजी स्कूल सोसायटी एक्ट में रजिस्टर्ड होते हैं, जिसे सरकार ही पंजीकृत करती है। इसलिए यह माना जाएगा कि अप्रत्यक्ष रूप से राज्य सरकार ने ही इन नामों के उपयोग की अनुमति दी है। अख्तर खान अकेला,एडवोकेट

स्कूल का नाम कुछ, संस्था किसीऔर नाम से, बढ़ेगी भागदौड़

रजिस्ट्रार ऑफिस के सूत्रों ने बताया कि स्कूल व शिक्षण संस्थाओं का पंजीयन राजस्थान संस्था रजिस्ट्रेशन एक्ट,1958 के तहत किया जाता है। राज्य में कई ऐसे स्कूल हैं जिनका नाम तो कुछ और है और रजिस्ट्रेशन किसी और संस्था या सोसायटी के नाम से है। स्कूलों की मान्यता के नियम अलग है जो शिक्षा विभाग के अधीन आते हैं, जबकि रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्रार के अधीन होता है।

:आगे क्या- इस आदेश से राज्य में ‘इंडियन’ व ‘नेशनल’ नाम से संचालित कई निजी स्कूलों के सामने मान्यता का संकट खड़ा हो सकता है। उन्हें स्कूल के नाम में संशोधन करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। जिनकी संस्था व स्कूल का नाम कॉमन है, उन्हें ज्यादा भागदौड़ करनी पड़ सकती है।

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