दोस्तों कहावत है के किसी के भी बारे मे बिना उनसे मिले बिना उन्हें जाँचे परखे कोई निजी राय नहीं बनाना चाहिए वर्ना बाद मे ऐसे व्यक्ति से मिलने पर बहुत शर्मिंदगी उठाना पढ़ती है ..ऐसा ही हमारे कोटा के सांसद जनाब युवराज इजयराज सिंह के साथ हुआ है ..........पूरी तरह से गेर राजनीतिक नवयुवक जो राजा रजवाड़ों के शाही ठाठ मे पला बढ़ा हो ओर उसे अचानक कॉंग्रेस सांसद का टिकिट देकर मेदान मे उतार दे तो सो मुंह हज़ार बातें तो शुरू होना ही होती हैं ..........चुनाव के दिनों मे विरोधियों ने अफवाह उड़ाई के वोह तो राजा महाराजा है जंता jab उनसे मिलने जाएगी तो वोह जनता से नहीं मिलेंगे आराम गाह मे बेटे रहेंगे ओर जनता के पीछे उनके महल के कुत्ते पढ़ जाएँगे ...दोस्तों इजयराज सिंह अपने अखलाक ..विनम्रता लोगों के प्रति आदर सम्मान के कारण भाजपा के गढ़ मे बेहिसाब वोटों से चुनाव जीते ..ओर चुनाव जीतने के बाद एक सांसद के जो कर्तव्य जो ज़िम्मेदारियाँ उनके संसदीय क्षेत्र के लोगों के लिए होती है उन्हे निभाने के लिए वोह अपनी टीम के साथ बिना किसी लालच के निकाल पढे आज ..अपने इलाक़े कोटा के लिए वोह संसद मे सवाल जवाब करते है दुखी ओर पीड़ितों के लिए उनके स्थापित कार्यालय मे वोह नियमित बेट कर लोगों की तकलीफें सुनते हैं उनका निराकरण करते है ....आज एक कुशल राजनीतिज्ञ से भी अधिक सोच ओर संयम के साथ वोह लोगों की परेशानियाँ सुनते है कई का तो हाथों हाथ निराकरण करने के लिए फोन करते है वरना एक पत्र लिख कर वोह अधिकारियों को पाबंद करते है ...कॉंग्रेस का कार्यकर्ता अमीर हो गरीब हो जाना पहचाना हो अंजान हो सब उनके लिए एक जेसे ही हैं ...इन दिनों कड़ाके की गर्मी मे सांसद इजयराज सिंह कोटा की गलियों ..मोहल्लों ....गांवों ..ढंदियों ..तहसीलों ओर पंचायतों मे घर घर जाकर लोगों की समस्याएं सुन रहे हे आज हालत यह हैं के चुनाव के दिनों मे जो लोग उनपर यह आरोप लगते थे के यह राजा महाराजा हे जीतने के बाद इन्हे महलों मे लोग ढूंढते रह जाएँगे वोह लोग जब इन्हे जनता से जुड़ कर उनकी सेवा कार्यों मे उन्हे लगा देखते हैं तो खुद वोह लोग शर्मिंदा हो जाते हे ....सभी से म्र्दुल व्यवहार ..मिठीवानी ओर सभी के लिएन समर्पण देख कर लोग उनमे आने वाला कल तलाश रहे हैं तो जनाब ऐसे हैं हमारे कोटा के कॉंग्रेस सांसद इजयराज सिंह युवराज कोटा
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