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14 अप्रैल 2012

मैं ब्राह्मण हूं और कांग्रेस महासचिव हूं: राहुल गांधी



नई दिल्‍ली. उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हुई हार की समीक्षा बैठक के दौरान राहुल गांधी ने टिप्‍पणी की, 'मैं ब्राह्रण हूं और पार्टी में महासचिव हूं।' कांग्रेस जाति के आधार पर यूपी में वोट बैंक मजबूत करने में अब भी लगी हुई है। यूपी चुनाव में पार्टी की यह कोशिश रंग नहीं लाई। इस पर चर्चा करने के लिए हाल में जब एक बैठक बुलाई गई तो प्रदेश के एक नेता ने अगड़ी जातियों/ब्राह्मण का मुद्दा उठाया। इस समुदाय के वोट को कांग्रेस परंपरागत वोट बैंक के रूप में देखती है। उक्‍त नेता का कहना था कि पार्टी में इन समुदायों की अनदेखी हो रही है। चुनाव में कांग्रेस का पिछड़ा और अल्पसंख्यकों का राजनीतिक कार्ड नाकाम होने के बाद ब्राह्मण समुदाय के नेताओं का दुख और बढ़ गया है। राहुल की टिप्‍पणी को इसी के जवाब के रूप में देखा गया।

हालांकि, राज्य की राजनीति में अगड़ी जातियों का राजनीतिक वर्चस्व जरूर खत्म हो गया है। लेकिन इन तबकों से आने वाले नेता अब भी मुखर हैं और अपनी ओर ध्यान खींचने में कामयाब हैं।
उत्तर प्रदेश चुनाव की राहुल गांधी द्वारा समीक्षा किए जाने के एक हफ्ते बाद कांग्रेस पार्टी के नेता आगे बढ़ने के लिए दो निर्णायक मुद्दों पर विचार कर रहे हैं। इनमें से पहला मुद्दा है-नाकाम रहे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई और दूसरा-समाज के किस तबके पर जोर देना है, इसे लेकर साफगोई। पार्टी के भीतर मची हड़बड़ाहट के पीछे वजह 2014 के लोकसभा चुनाव तक पार्टी का संदेश जमीनी स्तर तक पहुंचाया जा सके।

कांग्रेस में अगड़ी जाति, पिछड़ी जाति और दलित खेमे नेतृत्व का ध्यान अपनी-अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक राहुल की समीक्षा बैठक के दौरान नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि जिस तरह से सपा के लिए यादव समुदाय और बसपा के लिए दलित एक आधार वोट बैंक है, उसी तरह से कांग्रेस को भी अपना आधार वोट बैंक तलाशना होगा। अगड़ी जाति के नेताओं को लगता है कि कांग्रेस अपने पारंपरिक वोट बैंक को नज़रअंदाज नहीं कर सकती है।
यूपी विधानसभा चुनाव में मिली हार ने राज्य में दो दशकों से सत्ता से बाहर कांग्रेस की राजनीतिक जमीन वापस पाने के लिए जातीय गणित तलाश को तगड़ा झटका दिया है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने पिछड़े वर्ग और मुस्लिमों को आगे कर 2012 का विधानसभा चुनाव लड़ा था।
चुनाव नतीजों के जानकार बताते हैं कि इस बार के विधानसभा चुनाव में अति दलित समुदाय ने सपा, दलितों ने बसपा को वोट दिया। ठाकुर समुदाय ने सपा को वोट दिया। इसके उलट कांग्रेस ने पिछड़ी जातियों को केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के जरिए लुभाने की कोशिश की, लेकिन वह बुरी तरह नाकाम रहे और इस चक्कर में अगड़ी जातियां भी कांग्रेस से नाराज हो गईं। सूत्रों के मुताबिक पार्टी के वरिष्ठ नेता राम लाल राही ने समीक्षा बैठक में कहा कि दलितों और यादवों पर ध्यान देना समय की बर्बादी है क्योंकि वे बसपा और सपा को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। लेकिन कुछ नेताओं ने दलितों और यादवों को लुभाने के लिए कोशिश जारी रखने की बात कही।

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