तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
01 अप्रैल 2012
मदरसा पेराटीचर्स की नियुक्ति लिस्ट ने सरकार और बेरोजगारों के तोते उडाये ...बहुत शोर सुनते थे सीने में दिल का जो काटा तो कतराए खून ना निकला .
एक शायर ने कहा है के बहुत शोर सुनते थे सीने में दिल का जो काटा तो कतराए खून ना निकला ......यह कहावत राजस्थान के मदरसा पेराटिचेर्स आवेदक बेरोजगारों पर खरी उतरी है .....राजस्थान सरकार ने सभी बेरोजगार आवेदकों के सपने मिस मेनेजमेंट के कारण चकनाचूर कर दिए है और अव्यवहारिक रूप से उन्हें पोस्टिंग तो दी है लेकिन साथ ही काले पानी की सजा भी दे डाली है .............राजस्थान में दूसरी कोंसिलिंग में कुल १६८५ पद रिक्त थे जिनकी नियुक्ति के लियें आवेदक खासकर लडकियाँ बेताब थी ..बहुत कोशिशों के बाद इनकी नियुक्ति की लिस्ट निकाली गयी लेकिन बेरहम सरकार ने मात्र तीन हजार वेतन पाने वाले पेराटिचार के पद पर कोटा पर टोंक जिले वालों को जिलों से बाहर नहीं भेजने की बंदिशों के बाद भी कोसों दूर चार सो किलोमीटर से भी ज्यादा दुरी पर बीकानेर ..बाड़मेर ......जोधपुर भेज दिया है ...आज मदरसा बोर्ड के चेयरमेन मोलाना फजले हक को जो महिलाएं ज्ञापन देने आयीं उनकी गोद में छोटे छोटे बच्चे थे जबकि कई महिलाएं गर्भवती है .....पति को बाड़मेर भेजा है तो पत्नी को जोधपुर भेजा है ........राजस्थान मदरसा बोर्ड के चेयरमेन ने भी उनकी समस्याएं सुनी और अब वोह मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत को सारी परिस्थितियों से अवगत करा कर इन हालातों में कोटा और टोंक सहित दूसरी जगहों पर महिलाओं को उन्ही के गृह जिले में लगाने के लियें नई पोस्टों की मांग करेंगे और आवश्यक दिशा निर्देश प्राप्त करेंगे इस मामले में आज उन्होंने कोटा सर्किट हाउस में पत्रकारों से भी वार्ता कर इस मामले में उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है .......कोटा और टोंक के पेरातिचर्स को इस तरह से कोसों दूर काले पानी की सजा देने से उनके सपने बिखर गये हैं उनके सपने चकनाचूर हो गये हैं और हालत यह है के सभी बेरोजगार पेरातिच्र्स को नोकरी मिलने के बाद उनके पेरों तले ज़मीन खिसक गयी है ...............पेरातिच्र्स की नियुक्ति की इस लिस्ट के जारी होने के बाद कोंग्रेस का चारों तरफ विरोध शुरू हो गया है और सरकार की इस नादानी भरे निर्णय से सभी मुसलमान नाराज़ है ..देखते है आगे क्या होता है ..मोलाना फजले हक चेयरमेन मदरसा बोर्ड तो अदालत के आदेश के हाथो मजबूर थे लेकिन सरकार तो सभी निर्णय लेने में सक्षम है सरकार को इस मामले में जल्दी ही कोई सकारात्मक निर्णय लेकर कोटा ..टोंक सहित सभी जिलों के बेरोजगार पेरातिच्र्स को उनके गृह जिले में नोकरी देने के लिए निर्णय लेना होगा वरना मुसलमानों के दिलों में उपजे गुस्से को यह सरकार बर्दाश्त भी नहीं कर पाएगी और जो नाराजगी आम मुसलमानों में बनी है वोह सडकों पर आ जायेगी ...सरकार को इस लिस्ट से सबक भी लेना होगा और भविष्य में अगर किसी इदारे का चेयरमेन कोई सुझाव दे कोई योजना बनाये तो उसे नोकर शाही की बली चढा कर तानाशाही रवय्या नहीं अपनाने के लियें मंत्रियों और सचिवों को पाबन्द करना होगा वरना चेयरमेन बनाने से क्या फायदा ..जो मदरसा बोर्ड पुरे राजस्थान में तेज़ी से कोंग्रेस की उपलब्धियों का एक ग्राफ निरंतर बढा रहा था आज अफसर शाही की मनमानी के कारण वोह फिर से जीरो पर आ गया है .............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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