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07 मार्च 2012

रालेगण से लाइव: धोती दागदार हुई तो अनशन पर बैठ गए अन्‍ना

रालेगण-सिद्धि के मंदिर परिसर के अन्ना जी के कक्ष में उनकी टीम के सदस्य पहुंचे, तो वे विश्राम कर रहे थे। अतिथियों को देखा तो उठकर बैठ गए। केजरीवाल ने कहा, अन्ना, तबीयत तो ठीक है न? आप लेटे हुए थे। अन्ना बोले, ठीक है, लेकिन यूपी जाने लायक नहीं है। रिजल्ट यहीं बैठकर देखेंगे-सुनेंगे। खेत की ओर घूमकर आने के बाद थक गया था, इसीलिए लेटा था। कुमार विश्वास ने कहा, वह तो ठीक है अन्ना, लेकिन होली के दिन आप ऐसी उजली धोती और कुरते में कैसे हैं।

अन्ना ने पहले तो नारा लगाया, ‘भारत मात की जै! फिर बोले, अपने लोगों का वस्त्र तो साफ-सुथरा ही रहने का। दाग और दागी चाहिए, तो दिल्ली चले जाओ। कहीं से फ्लाइट पकड़ लो। कुमार विश्वास ने कहा- कल शाम को दिल्ली में ही था। होली की पूर्व संध्या पर आयोजित कवि सम्मेलन में भाग लेने गया था। क्या सुनाया वहां? हम लोगों को भी सुना दो, होली का आनंद आ जाएगा। अन्ना ने आग्रह किया।

पूरी कविता तो याद नहीं है, डायरी भी साथ नहीं है। कुछ पंक्तियां सुनाता हूं :

एक बार ही एक बरस में होली का हुड़दंग मचे

एक बार ही एक बरस में दीपों की होलिका सजे

दिन को होली, रात दीवाली, रोज मनाते हैं नेता

धवल वस्त्र तन पर राजे, पर मन में मुजरा रोज बजे ये दागी हैं। ये रागी हैं, ये बागी हैं, नेता हैं ये बहार में, ये बिहार में, ये तिहाड़ में, नेता हैं पांच बरस में एक बार ही दर्शन देने आते हैं वादों का अंबार लगाते, फिर बिसराते, नेता हैं एक टर्म भी जीत गए तो जीवन भर इतराते हैं नीली-पीली फिल्म देखने, फिर भी न शरमाते हैं शिलाजीत-सेवन से यौवन, स्वर्ग-गमन तक बना रहे

सुप्रीमो की चरण-वंदना, भजन उन्हीं के गाते हैं।

कुमार विश्वास सांस लेने को रुके। अन्ना खुश हो गए, भारत माता की जै! कविता तो ठीक है, मगर केजरीवाल से पूछ लीजिए कि संसद ने विशेषाधिकार-हनन की नोटिस थमा दी तो क्या करोगे। अन्ना हंसे, वंदे मातरम्।

केजरीवाल ने कहा, मैंने तो सरकारी आंकड़े बता दिए हैं। डरिएगा मत विश्वास जी। मैंने तो सोचा था कि इस होली में दिल्ली में रहूं। वहां दिग्विजयी राजा, उनके वेणिग्रंथित सखा, राजा के उत्तराधिकारी आदि के साथ होली खेलूं, फिर उत्तर प्रदेश जाकर मुलायम-कठोर भाई-बहनों को होली का प्रणाम कहूं।

लेकिन इनके तन-बदन पर भ्रष्टाचार के इतने रंग पहले से ही लगे हैं, इसलिए आइडिया ड्रॉप कर दिया। सोच रहा हूं, दोपहर की फ्लाइट से दिल्ली जाकर बेईमानों से घिरे ईमानदार- दुर्बल वृद्ध के चरणों पर अबीर रखकर कहूं कि अगर सचमुच देश की फिक्र है, तो कुछ कीजिए सर! जबानी जमा खर्च से कुछ नहीं होने वाला

विश्वास बोले, आइडिया बढ़िया है। मुझको तो मुंबई के एक कवि-सम्मेलन में आज रात शामिल होना है, अन्यथा मैं भी चलता।

अन्ना के चरणों पर विश्वास और केजरीवाल ने अबीर रखकर प्रणाम किया और बोले, अन्ना हमें आशीर्वाद और बल दीजिए कि भ्रष्टाचार मिटाने में हम सफल हों। होली शुभ हो अन्ना।

अन्ना प्रसन्न हुए, माता की जै। आप अवश्य सफल होंगे। इन लोगोंका नाम ही जबान पर न लाएं। इससे जिह्वा ही नहीं, आत्मा भी कलुषित होती है।

तो हम लोग चले अन्ना, आप आराम कीजिए। अन्ना केजरीवाल उठने ही को थे कि उत्तर भारतीय जैसे दिखने वाले लोगों का एक हुजूम हवा के झोंके की तरह आया और रंग-बिरंगी बाल्टी अन्ना पर उझल दी

अन्ना के वस्त्र भी दागदार हो गए। होली है, कहते हुए वह टोली भागी नहीं, दरवाजे पर बैठकर ढोल-मजीरे पर फाग गाने लगी

होली खेलैं रघुवीरा, अवध में होली खेलैं रघुवीरा। केकरा हाथ कनक-पिचकारी, केकरा हाथे अबीरा! केकरा हाथे अबीरा, अवध में होली खेलैं रघुवीरा। अन्ना बोले, सीबीआई होली खेलने की तैयारी कर रही है और ये यहां हम लोगों पर रंग डालकर दागदार बनाने आए हैं। इनकी साजिश के खिलाफ मैं यहीं आमरण अनशन पर बैठ रहा हूं। अन्ना जमीन पर पलथी लगाकर बैठ गए, भारत माता की जै।

विश्वास और केजरीवाल गिड़िगिड़ाए, ऐसा मत कीजिए अन्ना, आपका स्वास्थ्य इसकी इजाजत नहीं देता। किसी तरह से आप थोड़े-बहुत ठीक होकर लौटे हैं। अन्ना ने कहा, आप लोगों की बात मानकर फिलहाल अनशन त्याग देता हूं। आप लोग रुकिए, संतरे का जूस मंगाता हूं। आप लोग भी पीकर जाएं और मुझको भी अपने हाथों जूस पिला दें, ताकि विधिवत अनशन समाप्त कर सकूं। वंदे मातरम्!

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