नव वर्ष सभी को शुभ हो
हिन्दू नववर्ष का प्रारम्भ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से माना जाता है। ब्रह्मपुराण के अनुसार पितामह ब्रह्मा ने इसी दिन से सृष्टिनिर्माण प्रारम्भ किया था। इसीलिये यह सृष्टि का प्रथम दिन है। इसकी काल गणना बड़ी प्रचीन है। सृष्टि के प्रारम्भ से अब तक 1 अरब, 95 करोड़, 58 लाख, 85 हजार, 111 वर्ष बीत चुके है। यह गणना ज्योतिष विज्ञान के द्वारा निर्मित है। आधुनिक वैज्ञानिक भी सृष्टि की उत्पत्ति का समय एक अरब वर्ष से अधिक बता रहे है। अपने देश में कई प्रकार की कालगणना की जाती है जैसे- युगाब्द (कलियुग का प्रारम्भ), श्री कृष्ण संवत्, शक संवत् आदि है।
हिन्दुशास्त्रानुसार इसी दिन से ग्रहों, वारों, मासों और संवत्सरों का प्रारम्भ गणितीय और खगोलशास्त्रीय संगड़ना के अनुसार माना जाता है।
प्रतिपदा हमारे लिये क्यों महत्वपूर्ण है, इसके सामाजिक एवं ऐतिहासिक सन्दर्भ निम्न हैं-
1 इसी तिथि को रेवती नक्षत्र में विष्कुम्भ योग में दिन के समय भगवान के आदि अवतार मत्स्य रुप का प्रादुभाव भी माना जाता है.
2 युगों में प्रथम सत्ययुग का प्रारम्भ भी इसी तिथि को हुआ था.
3 मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम का राज्याभिषेक।
4 माँ दुर्गा की उपासना का नवरात्र व्रत प्रारम्भ।
5 युगाब्द(युधिष्ठिर संवत्) का आरम्भ।
6 उज्जयिनी सम्राट- विक्रामादित्य द्वारा विक्रमी संवत् प्रारम्भ।
7 शालिवाहन शक् संवत्
8 महर्षि दयानंद द्वारा आर्य समाज की स्थापना।
आप सभी को हिन्दु नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।
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