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22 मार्च 2012

राजस्थान की वार्षिक योजना के लिए 33,500 करोड़ तय

जयपुर/नई दिल्ली.राज्य की वर्ष 2012-13 की वार्षिक योजना का आकार 33,500 करोड़ रु. तय किया गया है। यह चालू वित्त वर्ष की अनुमोदित वार्षिक योजना 27,500 करोड़ रु. से 6000 करोड़ यानी 21.82 प्रतिशत अधिक है। अभी चालू वित्त वर्ष की योजना को टेंटेटिव संशोधन के बाद इसका आकार 28,691.52 करोड़ रुपए हो गया है। नई वार्षिक योजना में 39.78 प्रतिशत हिस्से के साथ सर्वोच्च प्राथमिकता ऊर्जा को दी गई है। नई दिल्ली के योजना भवन में बुधवार को योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच विचार-विमर्श के बाद राज्य की 12वीं पंचवर्षीय योजना और वार्षिक योजना के मसौदे को भी अंतिम रूप दिया गया।

योजना आयोग ने प्रदेश की 12 पंचवर्षीय योजना (2012-17) के लिए 1,94,283.44 करोड़ रु. की योजना राशि का प्रस्ताव किया है। यह 11 पंचवर्षीय योजना के लिए 71,731.98 करोड़ रुपए की अनुमोदित योजना राशि से 1,22,551.46 करोड़ रुपए यानी 171 प्रतिशत अधिक है। इस पंचवर्षीय योजना में सर्वोच्च प्राथमिकता ऊर्जा क्षेत्र (37.43 प्रतिशत) को दी गई है।

साथ ही सामाजिक एवं सामुदायिक सेवाओं को 67090 करोड़ रु. यानी 34.53 प्रतिशत राशि के साथ वरीयता प्रदान की गई है। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2012-13 के लिए 33,128 करोड़ रु. के प्रस्ताव दिए गए थे। योजना आयोग ने छह विशिष्ट योजनाओं के लिए 60 करोड़ रुपए की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता को शामिल करते हुए योजना के आकार को 33,500 करोड़ रु. तक बढ़ा दिया।

विकास दर राष्ट्रीय से बेहतर :

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि 11वीं पंचवर्षीय योजना में 71,732 करोड़ रु. के खर्च के अनुमानों के मुकाबले 97,038 करोड़ रु. खर्च होने की संभावना है। यह अनुमोदित आकार से 35.28 प्रतिशत अधिक होगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के कार्यभार संभालने के बाद पंचवर्षीय योजना के अंतिम तीन वर्षो में 68,300 करोड़ रु. से अधिक का खर्च होगा। गहलोत ने बताया कि विकास के आंकड़े दर्शाते हैं कि राज्य में वर्ष 2009-10 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद विकास दर 9.96 प्रतिशत दर्ज की गई है, जबकि देश में यह दर 8.55 प्रतिशत रही थी। वर्ष 2010-11 में राज्य की जीएसडीपी दर 10.97 प्रतिशत रहने की संभावना है।

मद : 2011-12 के टेंटेटिव संशोधन : 2012-13 के प्रस्ताव (लाख रु.में )

1. कृषि एवं संबद्ध सेवाएं : 1,62,481.17 रु. : 1,83,952

2. ग्रामीण विकास : 2,90,047.87 रु. : 2,97,691

3. विशेष क्षेत्र कार्यक्रम : 13,909.00 रु. : 15,620

4. सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण : 98,807.97 रु. : 1,38,203

5. पावर : 10,34,495.02 रु. : 13,17,605

6. उद्योग एवं खनिज : 19,890.55 रु. : 18,314

7. परिवहन : 2,11,528.12 रु. : 2,17,893

8. विज्ञान सेवाएं : 3802.06 रु. : 3,631

9. सामाजिक एवं सामुदायिक सेवाएं : 9,46,271.92 रु. : 9,65,054

10. आर्थिक सेवाएं : 34,463.58 रु. : 1,28,299

11. सामान्य सेवाएं : 53,454.74 रु. : 26,538

कुल : 28,69,152.00 रु. : 33,12,800

6 विशेष योजनाओं के लिए 60 करोड़ रु.

आयोग ने वार्षिक योजना की बढ़ी हुई राशि में राज्य की छह विशेष परियोजनाओं को भी शामिल किया है। इनमें 60 करोड़ रु. की एक मुश्त अतिरिक्तकेंद्रीय सहायता दी जाएगी। इन विशेष परियोजनाओं में भरतपुर के एग्रो प्रोसेसिंग एंड फूड प्रोसेसिंग संस्थान, बीकानेर के हाइड्रोलॉजी एवं जल प्रबंधन संस्थान, फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, इंस्टीट्यूट ऑफ म्यूजियम एंड हैरिटेज स्टडीज को 5-5 करोड़ रु. और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, ट्रिपल आईटी, कोटा तथा प्रदेश की 249 पंचायत समितियों में महिला संदर्भ केंद्र के लिए 20-20 करोड़ रु. की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

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