आपका-अख्तर खान

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30 मार्च 2012

वोह अकेला होकर भी सभी का साथी बन कर मर गया

बताओ
वोह कोन था
जो
बुराई और म़ोत से
जीत गया ....
मर्जुल म़ोत में
दवा से हार कर जो बेठा था
देख लो
लोगों की दुआओं से
वोह जीत गया .........
यह चिराग अब तो
बुझने वाला है
हाँ बस यही तो
सभी की बदगुमानी थी ।
तुम खुद ही देख लो
होसलों की उड़ान से
आज वही चिराग
हवा से जीत गया ॥
वोह तो वफा परस्त था
इसीलियें
ना हारा ..ना बेठा ..ना थका
अजीब ताकत दिखा कर
देख लो यह हवा का रुख बदल कर
उस बेवफा की बेवफाई और तन्हाई से जीत गया
शायत इसीलियें आज
वोह अकेला होकर भी
सभी का साथी बन कर मर गया .......................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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