तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
30 मार्च 2012
खुदा शुक्र है ......जान बच गयी
खुदा शुक्र है ......जान बच गयी ...जी हाँ दोस्तों खुदा का ही शुक्र कहेंगे के आज हमारी मुसीबत श्रीमती रिजवाना घर की छत की सीडियों से गिरीं .....सर के बल नीचे गिरीं उन्होने खुद को बचाने के लिए हाथ टेकना चाहा तो हाथ घमला पर गिरा बेचारा घमला टूट कर चकनाचूर हो गया ..घमला तो टूटा सो टूटा लेकिन हमारी मुसीबत बनी श्रीमती का सीधा हाथ भी पोंचे के यहाँ से टूट गया ...बच्चे नानी के यहाँ है ..मे खुद भी कहीं दूसरी जगह था फोन आया श्रीमती जी के गिरने की खबर मिली .घर पहुंचा तो उनके हाथ की हड्डी टूटी देख कर अस्पताल ले गए जहां प्लास्टर चढ़ा ओर फिर छुट्टी होने पर घर आ गए ..श्रीमती जी हाथ की टूटी हड्डी पर चढ़ा प्लास्टर देख कर रो रही थीं मीने कहा खुदा का शुक्र करो इतने ऊपर से गिरने पर भी मामूली सी चोट आई है सोचो अगर सर पर चोट लग जाती ओर ब्रेन हेमरेज हो जाता तो क्या होता .......श्रीमती जी को तसल्ली हुई उन्होने खुद की जान बच जाने ओर बहुत ज़्यादा नहीं लगने ..पर की हड्डी टूटने से बचने पर खुदा का शुक्र अदा किया ..दवा गोली खाई ओर खुदा का शुक्र अदा कर गहरी नींद मे सो गयी ...मे सोचता रहा के सही है खुदा का शुक्र जितना अदा करो कम है ..अल्लाह ने जान बख्श दी ओर बहुत बहुत सस्ते मे टाल दिया ...खुदा इसी तरह से हमारे गुनाहों को माफ करे ..ओर मुसीबतों को आने के पहले ही टालता रहे ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
हम भारतीय बहुत संतोषी हैं। बहुत जल्दी संतोष तलाश लेते हैं। कुछ नहीं तो हर मुसीबत के सामने बड़ी मुसीबत की रेखा खींच कर उसे छोटा तो कर ही लेते हैं।
जवाब देंहटाएं