गिनती की साड़ियों के लिए सैकड़ों महिलाओं की भीड़ उमड़ी जिसमें कुछ को चोट आई और कुछ गश खाकर गिर गईं। पुलिस ने मोर्चा संभाला तब कहीं भीड़ छंटी।
हंगामे पर बोलीं
नहीं बता सकती कितनी साड़ियां बांटना थी रिलायंस ग्राउंड की सभा में जाने वाली महिलाओं को मैं साड़ी बांटना चाह रही थी। पड़ोस में शादी के कारण भीड़ बढ़ गई। मैंने साड़ी बांटने के लिए दो महिलाओं को जिम्मेदारी सौंपी थी।
व्यवस्था कैसे बिगड़ी मुझे नहीं पता, मैं यह भी नहीं बता सकती कि कितनी साड़ियां बांटना थी। इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कह सकती।
- शशि हाड़ा, ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस
घर के एक दरवाजे से साड़ियां बांटने वाले दो हाथ थे और लेने वाले पचासों। एक ही साड़ी को कई ने खींचना शुरू किया और धक्का-मुक्की शुरू हो गई।
छीना-छपटी के बीच परिचित के साथ पहुंची एक बुजुर्ग महिला भीड़ में बुरी तरह फंस गई। खुद को बचाने के लिए वह चिल्लाने लगी लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। थोड़ी ही देर में वह बेहोश हो गई। जमीन पर गिरते ही कुछ महिलाओं ने उसे उठाया और भीड़ से बाहर लाईं।
खुले में बेहोश महिला को जमीन पर लिटाया। फिर हवा कर होश में लाने की कोशिश की गई। होश में आने के बाद यह महिला लौट गई। इसी बीच पुलिस पहुंच गई और भीड़ को तितर-बितर किया।
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