आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

28 फ़रवरी 2012

चार सीनियर्स को पीछे छोड़ते हुए सीके मैथ्यू नए मुख्य सचिव नियुक्त

जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सीके मैथ्यू को नया मुख्य सचिव नियुक्त किया है। वे 35वें मुख्य सचिव होंगे। कार्मिक विभाग ने मंगलवार को उनकी नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए। 1977 बैच के आईएएस मैथ्यू बुधवार को रिटायर हो रहे एस. अहमद का स्थान लेंगे। मैथ्यू को गहलोत के विश्वासपात्र अफसरों में माना जाता है। वे गहलोत सरकार के पिछले कार्यकाल में मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रमुख सचिव थे। वे पिछले दिनों तब चर्चा में आए थे जब अन्ना आंदोलन के दौरान उन्होंने अन्ना के सुर में सुर साधते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना ब्लॉग लिखा था।

धीमी चाल से पार पाना होगा

मैथ्यू को काम को लटकाने की प्रवृत्ति से पार पाना होगा। वित्त की तरह उन्हें हर विभाग में कौन सी फाइल कहां गई, इसका रिकॉर्ड रखना होगा। पृथ्वीराज नगर, पदोन्नति में आरक्षण जैसे कई मामले हैं जो सालों से लटके पड़े हैं। मैथ्यू चाहें तो इन्हें निबटा सकते हैं।

वर्ना पदोन्नति जैसे अवमानना के मामले उनका पीछा करते रहेंगे। मैथ्यू उदयपुर में पहली बार एसडीओ लगे थे। बाड़मेर और भीलवाड़ा में वे कलेक्टर रहे। मैथ्यू को सादगीपसंद और ईमानदार अफसर माना जाता है। वसुंधरा राजे शासनकाल में उन्होंने शिक्षा और आईटी विभागों में उल्लेखनीय काम किया था।

6 दिन का चीफ सेक्रेट्री

राज्य में चीफ सेक्रेट्री के रूप में सबसे लंबा कार्यकाल भगवत सिंह का रहा। वे 76 माह 17 दिन (9 मई 1958 से 26 सितंबर 1964) तक इस पद पर रहे। इसके बाद उन्हें फिर 16 जनवरी 1965 को मुख्य सचिव बनाया गया। वे 29 अक्टूबर 1966 तक यानी 21 माह 14 दिन इस पद पर रहे। सबसे कम 6 दिन एचएम माथुर मुख्य सचिव रहे। वे 28 जनवरी 1994 से 2 फरवरी 1994 तक इस पद पर रहे।

पीछे रह गए चार सीनियर

मैथ्यू को चार अफसरों की सीनियरिटी लांघकर बनाया गया है। अभी की वरिष्ठता सूची में सबसे ऊपर मीनाक्षी हूजा (75 बैच), आशा सिंह (76 बैच), राजीव शर्मा (76 बैच) और ललित कोठारी (77 बैच) हैं। कोठारी और मैथ्यू का बैच एक ही है, लेकिन कोठारी मैथ्यू से सीनियर हैं। इस बैच के बाकी अफसरों में पीके देब, बीबी मोहंती और संगीता गैरोला हैं। देब और गैरोला अभी केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं। इससे पहले एस. अहमद, टी श्रीनिवासन और कुशलसिंह को भी वरिष्ठता लांघकर सीएस बनाया गया था।

पदोन्नति मामला बड़ी चुनौती

मैथ्यू के सामने सबसे बड़ी चुनौती पदोन्नतियों में आरक्षण का मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि इस मामले पर स्टे दे रखा है, लेकिन हाईकोर्ट की ओर से मुख्य सचिव और कार्मिक सचिव के खिलाफ दिया गया अवमानना का फैसला मैथ्यू को भारी पड़ेगा। यह अवमानना व्यक्तिगत न होकर पद के प्रति है। उन्हें आईएएस अफसरों के संकट से भी जूझना है। सरकार के पास जिलों में लगाने के लिए पर्याप्त कलेक्टर ही नहीं हैं।

इतना ही नहीं, आने वाले महीनों में रामखिलाड़ी मीणा, रामलुभाया, मीनाक्षी हूजा जैसे कई प्रमुख अफसर रिटायर होने जा रहे हैं। ऐसे में उनके सामने वित्त, राजस्व, जल संसाधन और रेवेन्यू बोर्ड में पदस्थापन बड़ी चुनौती रहेगी। राज्य के अफसरों में उचित पदस्थापन के अभाव के कारण केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने की होड़ सी लगी है। उन्हें अपने बेहतर कॅरियर का भरोसा दिलाकर रोकना भी मैथ्यू की बड़ी जिम्मेदारी रहेगी।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...