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02 फ़रवरी 2012

साहिबजादा टोंक अहमद उमर उर्फ़ फर्रुख खान को उनकी सालगिरह पर तबस्सुम उनके लबों पर और दिल में हमेशा रहे की दुआ के साथ मुबारकबाद

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तुम जियो हजारों साल साल के दिन हो पचास हजार ...... जी हाँ जनाब इन दिनों जन्म दिनों का दोर चल रहा है और इसी खतरनाक दोर में आप साहिबजादा जनाब अहमद उमर उर्फ़ फर्रुख खान का जन्म तीन फरवरी को टोंक में संजो बी के यहाँ साहिबजादा मोहम्मद उमर के नुत्फे से हुआ था ....इन जनाब ने साहिबजादा गिरी को छोड़ कर पढ़ी में ध्यान दिया और पढ़ लिख कर नो जवान जब इनके मम्मी पापा ने बनाया तो इनके लबों की तबस्सुम ने इन्हें ऐसे घेरे में लिया के यही तबस्सुम उनके जिंदगी बन गयी ...जिंदगी भी ऐसी के पहले सामिया और फिर शेतानों का बादशाह केफ तोहफे के रूप में इनकी तबस्सुम ने इन्हें दिया ..जी हना इनकी तबस्सुम कहने को तो मिस यूनिवर्स है लेकिन यह जनाब एक सर्कस के शेर की तरह इनके इशारों पर इधर से उधर उधर से इधर नाचते गाते रहते है बस ..खुदा ने इन्हें जोश दिया सलीका दिया बढो की खिदमत महमानों की आवभगत की आदत इस दोर में भी इनमे बनी हुई है इनकी खिदमत गुज़री की वजह से ही यह इनके मम्मी पापा के भी लाडले बने हुए है ......वेसे तो इलामिक एतेबार से पांचों वक्त के नमाज़ी है ......... बस तबस्सुम जब लबों पर आती है तो इनकी बांछें खिल जाती हैं और यह जनाब हैं के सभी को छोड़ कर उनके हो जाते है इन दिनों जयपुर से लोटकर यह जबसे टोंक आये है जरा कुछ ऐसा ही चल रहा है हम इनके बहनोई है लेकिन इनके लबों की तबस्सुम ने इन्हें इतनी खुश्नुदगी दे डाली है के जनाब हम से भी सलाम दुआ करना भूल गए थे कल शिकायत की तो इन्हें याद आया के हम भी इनके फोन के इन्तिज़ार में सलाम दुआ के लियें बेठे रहते है .....तो जनाब यह शख्सियत कोई और नहीं हमारे साले साहब फर्रुख खान साहब है जो इन दिनों टोंक में ही रहकर बीवी बच्चों और उनके साथ माता पिता की खिदमत में जुटे है ..कल तीन फरवरी को इनका ही जन्म दिन है ..इनकी ही सालगिरह है और खुदा इनके लबों पर तबस्सुम हमेशा कायम रखे और उन्हें इनकी दिल की मलिका बनाये रखे बस उनके गुस्से को थोडा बस थोड़ा खुदा काम कर दे तो बन जाए ...इन जनाब को इस खुशनुमा मोके पर मेरी तरफ से मेरे परिवार की तरफ से इनके परिवार यानी मेरे ससुराल की तरफ से दिली मुबारकबाद ..खुदा हर लम्हा हर वक्त इनके दिल में इनके लब पर जो भी दुआ हो उसे कुबूल फरमाए अभी बीवी के यह फरमा बरदार है कल बीवी को भी इनका फरमा बरदार बनाये ..भाई मेने दुआ तो कर डाली है लेकिन मुझे भी उनके गुस्से से अल्लाह बचाए ....इनकी सामिया .इनके केफ को अल्लाह सहत्याबी लम्बी उमर दे ..इन्हें हर ख़ुशी मिले ..इनकी बीवी हमेशा खिलखिलाती रहे इनके जरिये उनकी भी हर ख्वाहिश पूरी हो ..इनके सर पर हमेशां माँ बाप का साया बना रहे बहनों ..बहनोइयों और भाई ..खतरनाक भाभियों का प्यार और विश्वास इन्हें हमेशा की तरह मिलता रहे इनकी हर कमी पूरी हो हर ख्वाहिश खुदा पूरी करे ..आमीन के साथ एक बार फिर इन जनाब की तबस्सुम इनके साथ ऐसे ही हमेशा कदम दर कदम साथ रहे ..शादाब रहे ...खुश रहे इसी दुआ के साथ इन्हें सालगिरह मुबारक हो ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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