तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
15 फ़रवरी 2012
अल्फ्लाह के कमांडर भाई रफ़ीक बेलियम ने निष्पक्ष समाज सेवा का सपना साकार कर दिखाया
दोस्तों किसी ने कहा है के कोई काम नहीं है मुश्किल जब किया इरादा पक्का और जब नेक नियति से कोई काम क्या जाये तो अल्लाह उसमे कामयाबी जरुर देता है ..कोटा में ही नहीं सारे राजस्थान में और फिर हिन्दुस्तान में अपने शेक्षणिक और समाज सेवा क्षेत्र में धूम मचाने वाली संस्था अल्फ्लाह सोसाइटी के भाई रफ़ीक बेलियम ने यह सच कर दिखाया है ..जी हाँ दोस्तों लोगों को इन्साफ और शिक्षा दिलाने का सपना लेकर कुछ लोगों द्वारा बनायीं गयी अल्फ्लाह वेलफेयर सोसाइटी आज पीड़ितों और अभाव में शिक्षा प्राप्त कर रहे लोगों के लियें होसले का दुसरा नाम बन गया है ...वेसे तो इस अल्फ्लाह वेलफेयर सोसाइटी से जुड़े सभी लोगों का इसमें योगदान रहा है लेकिन जावेद इकबाल .जाकिर रिज़वी ..डोक्टर युनुस ..सी ऐ इस्लाम खान और कई दुसरे साथियों की मदद से भाई रफ़ीक बेलियम ने अल्फ्लाह को सब के लियें भलाई का एक उदाहरण बना डाला है ..बिना किसी सरकारी मदद ..बिना किसी चंदे के कुछ लोगों ने एक टीम बनाई अपनी जेब से रुपया इकठ्ठा किया और लोगों की दुःख तकलीफे दूर करने के लियें निकल पढ़े ..जब इस सोसाइटी की कमान भाई रफ़ीक ने संभाली तो बस शेक्षणिक विकास और प्रतिभावान छात्रों की होसला अफजाई कर उन्हें एक नया मकसद देने की कोशिशें तेज़ हो गयी और बस कोटा के ही नहीं हाडोती सम्भाग के सभी प्रतिभावान छात्रों और छात्राओं का मेला लगाया गया उन्हें होसला दिया गया और आज इसी होसले के कारण कई बच्चे इंजीनियरिंग में हैं तो कई डॉक्टरेट कर रहे है तो कई प्रशासनिक सेवाओं के लियें त्य्यारियों में जुटे है ..इतना ही नहीं ऐसे कार्यक्रमों के संदेश को देख कर नई पीडी जो अभी पढ़ रही है वोह भी कम्पीटीशन के इस दोर में होसलों की उड़ान के साथ एक नया रोज़गार का सपना सजा कर अपनी कोशिशों में जुट गयी है ...बीमारी में किसी को तकलीफ हो तो भाई रफ़ीक बेलियम की अल्फ्लाह तय्यार है ...खून की जरूरत हो तो अल्फ्लाह के जाकिर रिज़वी तय्यार है ..लोगों की दुःख तकलीफ में आर्थिक मदद की जरूरत हो तो भाई इस्लाम खान चिल्ड्रन स्कूल वाले तय्यार है ...आँखों के पीड़ित हो तो भाई डोक्टर युनुस तय्यार है ..चाहे मजहब की बात हो ..चाहे राजनितिक सरगर्मी की पहल हो ..चाहे भाई चारे सद्भावना की बात हो ..चाहे शिक्षा की बात हो ..चाहे चिकित्सा की बात हो ..चाहे समाज सेवा की बात हो हमेशा हर कदम पर अल्फाह और इसके लोग भाई रफीक बेलिय्म के साथ तय्यार मिलते है ..ना काहू से दोस्ती ना काहू से बेर की तर्ज़ पर ,,,,गेर राजनितिक तरीके से सभी गुट के दुश्मन दोस्तों को एक ही घाट पर पानी पिला कर प्यार और सेवा बिना किसी प्रतिफल के बांटने का नाम ही अल्फ्लाह वेलफेयर सोसाइटी बन गया है और इसके कमांडर भाई रफ़ीक बेलियम और उनकी टीम को इसा सिला जाता है ..ऐसी सोसाइटी जो समाज को सिर्फ दे ही दे रही हो वोह भी खुद की जेब काट कर तो फिर तो ऐसी सोसाइटी और उसके कमांडर भाई रफ़ीक बेलिय्म और उनकी टीम को सेल्यूट करने का दिल करता है इसलियें भाई रफ़ीक बेलियम आप और आपकी यह सोसाइटी खूब फले फुले और राजस्थान ही नहीं हिन्दुस्तान ही नहीं पुरे विश्व में इस सोसाइटी का नाम हो आपका नाम हो इसी दुआ के साथ पूरी टीम और आपको एक बार फिर सलाम ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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