हाईकोर्ट ने राजस्थान सरकार की11 सितंबर की अधिसूचना को हाईकोर्ट ने माना अवमानना , मुख्य सचिव व प्रमुख कार्मिक सचिव को दोषी मानते हुए अदालत में पेश होने के निर्देश
जयपुर। पदोन्नति में आरक्षण मामले में गुरुवार को हाईकोर्ट में राजस्थान सरकार को जबरदस्त झटका लगा है। हाईकोर्ट ने सरकार की 11 सितंबर 2011 की अधिसूचना को और 5 फरवरी 2010 के आदेश के पालन नहीं करने को अवमानना माना है। साथ ही अदालत ने सरकार को आखिरी मौका देते हुए निर्देश दिया कि वह तीन दिन में 5 फरवरी के आदेश का पालन करे। न्यायाधीश एन.के.जैन व आर.एस.राठौड़ ने यह आदेश समता आंदोलन समिति व अन्य की अवमानना याचिका पर दिया।
खंडपीठ ने मुख्य सचिव एस.अहमद व प्रमुख कार्मिक सचिव खेमराज को अवमानना का दोषी मानते हुए उन्हें 27 फरवरी को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। अदालत इस दिन इन दोनों अफसरों को सुनाने वाली सजा तय करेगी।
यह था 5 फरवरी का आदेश:
अदालत ने 5 फरवरी 2010 के आदेश से राज्य सरकार की 28 दिसंबर 02 एवं 25 अप्रैल 08 की अधिसूचनाओं को संविधान के विपरीत मानकर निरस्त कर दिया था। साथ ही आरएएस सेवा में सुपरटाइम स्केल व सलेक्शन स्केल की वरीयता सूची व आरक्षित वर्ग को पारिणामिक वरिष्ठता लाभ के आदेश सहित अन्य कार्रवाई निरस्त कर दी थी। अदालत के इस आदेश से जहां सामान्य वर्ग को पुन: अर्जित वरिष्ठता का लाभ मिल गया वहींं आरक्षित वर्ग को दिया जाने वाला पारिणामिक वरिष्ठता का लाभ निरस्त कर दिया। लेकिन सरकार ने इस आदेश का पालन नहीं किया जिसे अवमानना याचिका में चुनौती दी गई।
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