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01 फ़रवरी 2012

कैबिनेट की बैठक में अहम फैसला, 90 बी धारा समाप्त

भू परिवर्तन के लिए 90 ए में सरलीकरण के साथ नए प्रावधान शामिल, बाबा कल्याणी और सेंट गोविन को करौली में खान आवंटन पर मुहर लगी, 27 से विधानसभा सत्र संभव
जयपुर.प्रदेश में भू रूपांतरण से संबंधित विवादित धारा 90 बी को समाप्त कर दिया गया है। इसके स्थान पर धारा 90 ए में रूपांतरण से संबंधित प्रावधानों को सरलीकरण के साथ शामिल किया जाएगा।
यह फैसला बुधवार को यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया। नए प्रावधानों को किसानों के हित में शामिल किया गया है। बैठक में बाबा कल्याणी और सेंट गोविन को करौली में खान आवंटन, नर्सिंग कौंसिल और कन्वेंशन सेंटर सहित अन्य कई मुद्दों पर सहमति हुई है।
बैठक के बाद नगरीय विकास और आवासन मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि भू रूपांतरण से संबंधित धारा 90 बी को समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पिछली सरकार के दौरान इस धारा को लोगों की सुविधा के लिए शामिल किया गया था। इससे कई लोगों को लाभान्वित भी किया गया।
धारीवाल ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में इसका दुरुपयोग करते हुए इसे टकसाल बना दिया गया था। इसके चलते यह धारा बदनाम हो गई थी। उन्होंने बताया कि अब इस धारा को समाप्त कर रूपांतरण के प्रावधान 90 ए में शामिल किया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए अधिसूचना जारी की जाएगी और उसी दिन से यह लागू हो जाएगी।
क्या किया सरलीकरण:धारीवाल ने बताया कि 90 बी के तहत भू रूपांतरण करवाने पर पहले किसान जमीन को जेडीए या अन्य किसी स्वायत्तशाषी को समर्पित करता था। उसमें अगर ले आउट प्लान में कोई गड़बड़ी होता या अन्य किसी कारण से मंजूरी नहीं होती तो जमीन जेडीए या उस संस्था के नाम रह जाती थी।
लेकिन नए प्रावधानों के मुताबिक अगर किसी कारण से ले आउट प्लान मंजूर नहीं हो पाता है तो उस दशा में किसान अपील करके वह जमीन फिर ले सकेगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले शहरी क्षेत्र में 90 बी की कार्रवाई करने के लिए एसडीओ अधिकृत होता है। अब नए प्रावधान में यूआईटी का सचिव या नगरीय निकाय का अधिशासी अधिकारी, आयुक्त या सीईओ इस कार्रवाई को कर सकेगा। धारीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस बारे में वादा किया था और चुनाव घोषणा पत्र में इसकी घोषणा भी की गई थी।
कन्वेंशन सेंटर को मंजूरी:बैठक के बाद उद्योग मंत्री राजेंद्र पारीक ने बताया कि कैबिनेट ने सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में विश्व स्तरीय कन्वेंशन सेंटर बनाने को भी मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि 10,000- 10,000 वर्ग मीटर में ये कन्वेंशन सेंटर बनेंगे। इनमें विश्व स्तरीय सुविधाएं होंगी और इनमें 1000 सीटों की व्यवस्था होगी। इससे राज्य सरकार और रीको को प्रतिवर्ष 7.80 करोड़ रुपए लीज के तौर पर मिलेंगे और हर तीन साल में 15 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी होगी। 60 साल बाद यह वापस रीको को सुपुर्द किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इसमें विवाद जैसा कुछ नहीं है, सब कुछ पारदर्शी है और नियमों में भी कोई संशोधन नहीं किया गया। इसके लिए इंटरनेशनल बिड्स की गई थी, जिसमें 19 बिड्स आई, जिनमें से 4-5 ही क्वालीफाइंग कर पाए। पारीक ने बताया कि कन्वेंशन सेंटर राज्य सरकार को प्राथमिकता के साथ और 15 से 30 दिन तक निशुल्क के रूप में मिलेगा।
दो कंपनियों को खान मंजूरी:पारीक ने बताया कि आयरनोर के लिए बाबा कल्याणी और ग्लास के लिए सेंट गोविन कंपनी को करौली में खान आवंटन की मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि बाबा कल्याणी 15,000 करोड़ रुपए का निवेश करने के साथ करौली में खान स्थल के निकट की प्लांट लगाएगी।
इस कंपनी में सीआरजीओ ग्रेड का स्टील उत्पादन होगा। अभी यह बाहर से आयात किया जा रहा है। इस प्लांट के निकट ही 700 मेगावाट क्षमता का कैप्टिव प्लांट लगाया जाएगा। सेंट गोविन का सिलिका सेंट प्लांट अलवर में लग चुका है, लेकिन इसके कच्चे माल की पूर्ति के लिए खान दी गई है। सेंट गोविन ने 500 करोड़ रुपए का निवेश कर रखा है और 500 करोड़ रुपए का निवेश और करेगी।
नर्सिंग कौंसिल:बैठक के बाद चिकित्सा मंत्री ए.ए. खान (दुर्रू मियां) ने बताया कि नर्सिंग कॉलेजों के निरीक्षण के लिए अब तक नर्सिंग कौंसिल के तीन सदस्यों की कमेटी ही जाती थी। लेकिन नई व्यवस्था में सरकारी प्रतिनिधि को भी इस कमेटी में शामिल किया

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