लंदन.पूरी दुनिया में होने तलाकों में से एक तिहाई सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के कारण हो रहे हैं। एक क़ानूनी फर्म 'डाइवोर्स ऑनलाइन' के मुताबिक फेसबुक को तलाक के मामलों में सबूत के तौर पर पेश करने की संख्या में इजाफा हुआ है।
फर्म के मुताबिक 'व्यवहार सम्बन्धी' तलाक आवेदनों में फेसबुक शब्द के इस्तेमाल में पिछले 2 सालों में 50 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है।
पिछले एक साल के दौरान फर्म में दाखिल तालाक के 5000 आवेदनों में से करीब 33 फीसदी ने फेसबुक वेबसाइट का नाम जिक्र किया।
'डाइवोर्स ऑनलाइन' के प्रबंधक मार्क कीनन ने बताया "कई लोगों के लिए फेसबुक अपने दोस्तों के साथ संवाद का मुख्य जरिया बन गया है। लोग अनजाने में अपने पूर्व साथियों को मेसेज भेजते हैं लेकिन यही बाद में मुसीबत का कारण बन जाता है। अगर कोई किसी के साथ प्रेम सम्बन्ध या फ्लर्ट करना चाहता है तो यह सबसे आसन जगह है।"
फेसबुक से होने वाली समस्याओं में सबसे आम कारण, पति या पत्नी द्वारा फ्लर्टी मेसेज का पाया जाना,साथी के पार्टी की तस्वीरें जिसके बारे में वे नहीं जानते या ऐसे किसी के साथ पाया जाना जिसके साथ उन्हें नहीं होना चाहिए।
डॉसन कॉर्नवेल में कानूनी सलाह देने वाले अन्ने मारी हचिंसन कहते है "अगर आप अपने साथी से चीजें छुपाते हैं तो फेसबुक इसे खोजने में आसन बना देता है।"
कीनन ने बताया कि वे अपने मुवक्किलों को तलाक की कार्रवाई के दौरान फेसबुक से दूर रहने की सलाह देते हैं।
उन्होंने कहा "लोगों को फेसबुक पर कुछ भी डालने के दौरान सावधान रहना चाहिए क्योंकि अदालतों में आजकल लोगों के फेसबुक वाल्स और पोस्टिंग को वित्तीय और बच्चों से सम्बंधित विवादों में बतौर सबूत पेश किया जा रहा है।"
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