आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

23 जनवरी 2012

गुप्त नवरात्रि कल से, मिल सकती हैं चमत्कारी शक्तियां

| Email Print

हिंदू धर्म के अनुसार एक वर्ष में चार नवरात्रि होती है लेकिन आमजन केवल दो नवरात्रि (चैत्र व शारदीय नवरात्रि) के बारे में ही जानते हैं। आषाढ़ तथा माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इस बार माघ मास की गुप्त नवरात्रि 24 जनवरी, मंगलवार से प्रारंभ हो रही है।

आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का समय शाक्य एवं शैव धर्मावलंबियों के लिए पैशाचिक, वामाचारी क्रियाओं के लिए अधिक शुभ एवं उपयुक्त होता है। इसमें प्रलय एवं संहार के देवता महाकाल एवं महाकाली की पूजा की जाती है। इन्हीं संहारकर्ता देवी-देवताओं के गणों एवं गणिकाओं अर्थात भूत-प्रेत, पिशाच, बैताल, डाकिनी, शाकिनी, खण्डगी, शूलनी, शववाहनी, शवरूढ़ा आदि की साधना की जाती है। ऐसी साधनाएं शाक्त मतानुसार शीघ्र ही सफल होती है। दक्षिणी साधना, योगिनी साधना, भैरवी साधना के साथ पंचमकार की साधना इसी नवरात्रि में की जाती है।

आषाढ़ मास की नवरात्रि की तरह माघ मास की नवरात्रि को भी गुप्त नवरात्रि कहते हैं। लेकिन इन दोनों में काफी भिन्नताएं हैं। आषाढ़ मास की नवरात्रि में जहां वामाचार उपासना की जाती है वहीं माघ मास की नवरात्रि में वामाचार पद्धति को अधिक मान्यता नहीं दी गई है। ग्रंथों के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष का विशेष महत्व है। शुक्ल पक्ष की पंचमी को ही देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं। इन्हीं कारणों से माघ मास की नवरात्रि में सनातन, वैदिक रीति के अनुसार देवी साधना करने का विधान निश्चित किया गया है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...