लोकपाल के प्रावधानों के बारे में अपने सख्त रूख पर कायम रहते हुए तृणमूल कांग्रेस ने लोकायुक्त प्रावधानों पर किसी भी प्रकार के समझौते से इनकार करते हुए कहा है कि सरकार को राज्यसभा में मत विभाजन का सामना करना चाहिए था।
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव एवं सांसद मुकुल राय ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सविधान के संघीय ढांचे से कोई समझौता नहीं करेगी और पार्टी की ओर से पेश किए गए संशोधन को स्वीकार करना होगा। वे गृहमंत्री पी. चिदंबरम के उस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे, जिसमें गृहमंत्री ने कहा था कि लोकायुक्त के प्रावधान को पूरी तरह से समाप्त करने की तृणमूल की मांग को पूरा करना आसान नहीं होगा और सरकार एक या दो संशोधनों को स्वीकार कर सकती है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सरकार को मतविभाजन का सामना करना चाहिए था। राय ने दावा किया कि पार्टी सांसदों ने लोकपाल विधेयक में लोकायुक्त के प्रावधानों पर आपत्ति व्यक्त की थी क्योंकि तृणमूल कांग्रेस की यह समझ थी कि राज्यसभा में विधेयक पेश करते समय उसके सुझावों को ध्यान में रखा जाएगा।
राय ने कहा कि इस आश्वासन को नहीं निभाया गया। ममता बनर्जी की आवाज देश के अन्य मुख्यमंत्रियों की ओर से व्यक्त किए गए विचार की अभिव्यक्ति है। राय ने कहा कि जिस तरह से राज्यसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की गई, वह लोकतंत्र के लिहाज से ठीक नहीं है।
भारत के राज्यों का संघ होने का उल्लेख करते हुए राय ने कहा कि केंद्र सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में इन विषयों को पूरी तरह से स्पष्ट किया गया है, इसमें भ्रम की स्थिति नहीं है। पार्टी के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि लोकपाल पर पार्टी का रूख स्पष्ट है और अब यह राष्ट्रीय मत बन गया है
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