नई दिल्ली. भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने गुरुवार को गणतंत्र दिवस पर अनिवार्य मतदान की वकालत कर एक नई बहस छेड़ दी है। आडवाणी ने कहा कि देश में इस लक्ष्य को हासिल करना नामुमकिन नहीं है। उधर, सरकार और दूसरे दलों को आडवाणी का यह 'आइडिया' रास नहीं आया है।
केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है। आडवाणी को अभी इस पर बात नहीं करनी चाहिए। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसी से वोट जबरन नहीं डलवाया जा सकता। समाजवादी पार्टी ने कहा कि देश में इससे भी जरूरी कई मुद्दे हैं।
यहां अपने आवास पर झंडारोहण समारोह के मौके पर आडवाणी ने देश के सभी नागरिकों को वोटर के रूप में रजिस्टर्ड करने की चुनाव आयोग की योजना का समर्थन किया। साथ ही उन्होंने कहा कि यह भी तय करना होगा कि जो लोग रजिस्टर्ड होते हैं, वे वोट डालने भी आएं। उन्होंने कहा कि सबसे अहम बात यह है कि वोटिंग का प्रतिशत बढ़ना चाहिए और यदि संभव हो तो यह सौ फीसदी होना चाहिए।
आडवाणी ने कहा, 'मुझे अनिवार्य वोटिंग भारत में कोई नामुमकिन लक्ष्य नहीं लगता। जनता को प्रोत्साहित करना होगा कि उन्हें लोकतंत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी पूरी करनी है।' उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार अब मौलिक अधिकार बन गया है। ऐसे में वोटिंग नागरिकों की मौलिक जिम्मेदारी होनी चाहिए ताकि ईमानदार प्रशासन सुनिश्चित किया जा सके।
बीजेपी संसदीय दल के अध्यक्ष आडवाणी ने कहा कि चुनाव आयोग का चुनाव सुधार में अहम रोल है, लेकिन राज्य सरकारों और राजनीतिक दलों को भी इस काम में लगना होगा।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
26 जनवरी 2012
आडवाणी ने भी कहा- वोटिंग को करो अनिवार्य
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