1 - फेसबुक पर अश्लील तस्वीर डालने के मामले में 23 नवम्बर को सूरजपोल थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। यह मामला इलेक्ट्रॉनिक सामान से छेड़छाड़ करने व धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के तहत आईटी एक्ट की धारा 65, 66 और 67 और आईपीसी की धारा 295 में दर्ज हुआ।
2 - सितम्बर में कलड़वास स्थित एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज के 20 छात्र-छात्राओं की फेसबुक आईडी हैक करने का मामला सामने आया था। प्रतापनगर थाना पुलिस ने आईटी एक्ट की धारा 65, 66, 67 के तहत मामला दर्ज कर दो जनों को गिरफ्तार किया।
3 - एक जनवरी को देवाली क्षेत्र में युवती की फेसबुक आईडी हैक कर अश्लील मैसेज भेजने और दुष्प्रचार करने का मामला आया। अम्बामाता पुलिस ने आईटी एक्ट के 65, 66, 67 व 77 के तहत मामला दर्ज कर एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया है।
4 - भारतीय क्रिकेट टीम ए के पूर्व कप्तान अशोक मेनारिया के नाम पर फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर 800 से अधिक मित्र बना लिए गए। करीब एक माह से मेनारिया के नाम से दूसरों से अश्लील व आपत्तिजनक कमेंट किए गए। इस संबंध में अशोक मेनारिया के पिता ने केस दर्ज कराया था।
उदयपुर.महज जरा-सा मजा लेने या किसी को परेशान करने की नीयत से अगर आप किसी सोशल नेटवर्किग साइट पर किसी के अकाउंट से छेड़छाड़ कर रहे हैं तो रुकिए, यह गंभीर अपराध है। यह हरकत न केवल आपका भविष्य चौपट कर देगी, बल्कि आप जेल के सीखचों के पीछे होंगे।
जुर्माना इतना भारी भरकम कि अदा करने में घरवालों की भी कमर टूट जाएगी। हाल ही शहर में कुछ सोशल नेटवर्किग साइट्स अकाउंट की छेड़छाड़ के बाद जेल के सीखचों के पीछे पहुंचे युवा इस भयावह हकीकत की जीती-जागती नजीर हैं। हाल ही हुई घटनाओं के मद्देनजर युवाओं को जागरूक करने के लिएविधि विशेषज्ञों से बातचीत कर यह तथ्य पाठकों के सामने रख रहा है।
यह खतरा इसलिए और ज्यादा गंभीर है कि शायद ही कोई युवा हो जिसका किसी सोशल नेटवर्किग साइट पर अकाउंट न हो। युवाओं के कई घंटे इन पर गुजर रहे हैं, खुराफाती युवा मन इसके रचनात्मक इस्तेमाल के साथ इसका दुरुपयोग करने से नहीं बाज आ रहा है।
शहर के विभिन्न थानों पर दर्ज इस तरह के मामले इसकी नजीर हैं। इन मामलों में किसी का अकाउंट हैक कर लिया गया। प्रोफाइल से छेड़छाड़ कर दी गई और अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट कर दी गई। कुछ कारणों में रंजिश भी सामने आई, लेकिन ज्यादातर मामलों में मौज-मस्ती या सामान्य बातें ही सामने आईं। अधिकतर मामलों में युवतियों को निशाना बनाया गया।
सजा का प्रावधान
एडवोकेट मनीष शर्मा ने बताया कि आईडी हैक करने पर अधिकतर मामले आईटी एक्ट की धारा 65, 66, 67 के तहत दर्ज किए जाते हैं। अपराध सिद्ध होने पर धारा 67 के तहत तीन साल की सजा और 5 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है। दूसरी बार पकड़े जाने पर 5 साल की सजा और 10 लाख रुपए का जुर्माना होता है।
ठोस होते हैं वैज्ञानिक सबूत
आईजी गोविंद गुप्ता स्वीकारते हैं कि इस तरह के मामले बढ़े हैं। आईटी एक्ट के तहत दर्ज अपराध ज्यादा गंभीर श्रेणी में आते हैं। आईटी एक्ट के साथ अपराध की किस्म के अनुसार आईपीसी की धाराएं भी जोड़ते हैं। चूंकि इस मामले में वैज्ञानिक सबूत ठोस होते हैं, इसलिए अभियुक्त को सजा मिलना भी करीब तय होता है।
अधिकतर इस तरह के मामलों में पीड़ित और आरोपी दोनों ही युवा होते हैं और किसी न किसी लिंक से एक दूसरे के परिचित भी होते हैं।
इन मामलों की जांच के दौरान सबसे ज्यादा समय संबंधित वेबसाइट से सूचना प्राप्त करने में लगता है। वेबसाइट को नियंत्रण करने वालों से संबंधित व्यक्ति और कम्प्यूटर के बारे में सूचना मांगी जाती है। कभी कभार यह सूचना जल्दी मिल जाती है तो कभी सूचना मिलने में काफी समय लग जाता है। लेकिन सूचना मिलती जरूर है और इसके बाद आरोपी जेल के सीखचों के पीछे होता है।
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