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21 जनवरी 2012

मछुआरों की देवी के नाम पर बसे मुंबई और मकाऊ

मकाऊ(हांगकांग/चीन)। इस मामले में मुंबई और मकाऊ में अद्भुत समानता है कि दोनों ही शहरों के नाम मछुआरों की देवियों के नाम पर रखे गए हैं। जहां मुंबा देवी के नाम पर बना मुंबई वहीं, मकाऊ के मछुआरों की आराध्य देवी हैं मात्सु....जिनके ही नाम पर बाद में इस खूबसूरत द्वीप का नाम रखा गया। लगभग 1448 में यहां मात्सु देवी का शानदार मंदिर बनाया गया। दोनों शहरों का संयोग यहीं खत्म नहीं होता है। कभी पुर्तगालियों ने ही अपनी राजकुमारी कैथरीना ब्रगैंज की इंग्लैंड के राजकुमार से हुई शादी में मुंबई दहेज में दिया था, जिसे बाद में राजकुमार ने ईस्ट इंडिया कंपनी को एक पाउंड प्रतिवर्ष की लीज पर दे दिया था। और मकाऊ इस पर तो सन 2000 तक पुर्तगालियों का ही कब्जा था। और अगले 38 सालों तक भी मकाऊ ऑटोनॉमस ही रहेगा, यानी चीन का हिस्सा होने के बावजूद भी वहां के कानूनों से नियंत्रित नहीं होगा। सिवाए विदेशी और रक्षा संबंधी मामलों के....मकाऊ को सौंपे जाने पर यही शर्त रखी थी पुर्तगालियों ने....। शहर में घूमते समय कहीं भी नहीं लगता है कि आप चीन के किसी शहर में हैं। ऐसा लगता है कि आप अमेरिका के किसी आधुनिक शहर में तफरीह कर रहे हैं। सच में कम्युनिस्ट देश के कलेवर के नीचे एक अमेरिकन शहर का जायका देता है मकाऊ....।

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