हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। पद्मपुराण में एकादशी व्रत का बहुत ही महात्मय बताया गया है एवं उसकी विधि-विधान का भी उल्लेख किया गया है। माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षट्तिला एकादशी कहते हैं। इस बार यह एकादशी 19 जनवरी, गुरुवार को है।
धर्म शास्त्रों के अनुसार षट्तिला एकादशी के दिन हमें पद्मपुराण के ही एक अंश का श्रवण और ध्यान करना चाहिए। इस दिन छ: प्रकार के तिलों का व्यवहार किया जाता है इसलिए इसे षट्तिला एकादशी कहते हैं।
इस दिन तिलों के जल से स्नान, तिल का उबटन, तिल से हवन, तिल मिले जल को पीने, तिल का भोजन तथा तिल का दान करने से समस्त पापों का नाश हो जाता है-
तिलस्नायी तिलोद्वार्ती तिलहोमी तिलोद्की।
तिलभुक् तिलदाता च षट्तिला: पापनाशना:।।
इस दिन काले तिल व काली गाय दान करने का विशेष महत्व है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
19 जनवरी 2012
षटतिला एकादशी आज, काले तिल का दान करें
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