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04 जनवरी 2012

'बालिका वधु' ने रचाया नाग देवता से विवाह!


- रिजवान कुरैशी


छिंदवाड़ा में एक बालिका द्वारा नाग देवता से ब्याह किए जाने की अनोखी घटना हाल ही में सामने आई है। मामला शहर से करीब आठ किमी दूर स्थित ग्राम रोहना कलां का है। इसे आस्था कहें या अंधविश्वास, लेकिन हकीकत तो यही है। रोहना कलां में रहने वाले संपत भलावी की 13 वर्षीय पुत्री अंजलि की शादी 3 सितंबर, शनिवार को पूरे धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ नाग देव से कराई गई। इस अनोखे विवाह के प्रत्यक्षदर्शी बने रोहना कलां के सैकड़ों ग्रामवासी।

बुजुर्गों के मशविरे से विवाह :- स्थानीय बुजुर्गों के मशविरे के मुताबिक ऋषि पंचमी पर अंजलि का श्रृंगार दुल्हन की तरह किया गया। अंजलि तैयार होकर घर से निकली और गांव में स्थित नाग देवता के मंदिर में पहुंची। उसने नाग देव की प्रतिमा पर पानी चढ़ाया, अगरबत्ती लगाई और पुष्प अर्पित किए। फिर शादी के लिए तैयार अग्नि कुंड के आसपास नाग देव की प्रतिमा के साथ सात फेरे लिए।

अंजलि के भाई व भाभी ने उसके पैर धुलाए। इसके बाद अंजलि ने घर जाने की इच्छा व्यक्त की। थोड़ी देर बाद अंजलि घर से लौटकर आई, तब उसे ग्रामीणों ने कहा कि वह अपने असली रूप के दर्शन दें। ग्रामीणों की मांग पर अंजलि ने एक कटोरी में दूध बुलवाया और उस कटोरी का आधा दूध पी लिया। आधे दूध से भरी कटोरी को वहीं सामने रख दिया। कुछ ही देर में इस कटोरी के दूध में नाग देव की प्रतिमा का हल्का-सा प्रतिबिंब दिखाई देने लगा।

बताया जाता है कि कक्षा 8वीं की छात्रा अंजलि को गहरी नींद के दौरान कुछ सपने आया करते थे। इन सपनों में एक नाग देव अंजलि से कहा करते थे कि तुम जनम-जनम से मेरी ही पत्नी हो, इस जनम में भी तुम्हें मुझसे ही ब्याह करना होगा। यह ब्याह ऋषि पंचमी पर होगा।

ऋषि पंचमी पर जब यह शादी नहीं हुई तो इसी रात अंजलि को सपने में फिर से नाग देव ने दर्शन देकर शादी की बात दोहराई। अंजलि ने यह बात जब अपने घर वालों को बताई तो वे सुनकर अवाक रह गए। उन्होंने गांव के बुजुर्गों से इस संबंध में सलाह मश्वरा कर इस शादी को संपन्न कराया।

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