आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

12 जनवरी 2012

सलमान रुश्दी तो इन्सान नहीं जानवर है लेकिन पक्षपाती खबर खाने वाले सम्पादक और पत्रकारों को क्या कहें जनाब

कहते हैं के सलमान रुश्दी जो लेखक है वोह इन्सान नहीं शेतन है जानवर है मेने पूंछा के भाई वोह शक्ल से तो इंसान ही लगते है फिर जानवर केसे हो सकते है ..मेरे पास ही बेठी एक महिला ने कहा के इंसान की करतूतों से ही इंसान इन्सान और इंसान से जानवर बन जाता है ..जो दुनिया में सुक्ख शांति के लियें जिए वोह इन्सान है और जो लोगों को दुक्ख तकलीफें पहुँचाने और अराजकता फेलाने का काम करे बस उसे ही जानवर कहते है .बात मेरी समझ में आई के दुसरे के मज़हब को गाली देने वाले इस कथित इंसान को जानवर क्यूँ कहा जा रहा है और लोग इन्हें नफरत की निगाह से क्यूँ देख रहे है ..............सलमान रुश्दी जिन्हें खुदा ने बहतरीन लिखने का हुनर दिया था कलम की ताकत दी थी लेकिन उन्होंने अपना लेखन खून में डुबो दिया उन्होंने इंसानियत की हत्या कर दी और इसीलियें कुछ सिरफिरे लोगों ने उनकी म़ोत का फतवा जारी कर दिया लेकिन कहते है किसी को मरना किसी को जिलाना किसी इन्सान के बस की बात नहीं हर इंसान की म़ोत का दिन पहले से ही तय है और इसीलियें लाख रंजिश के बाद भी सलमान रुश्दी अभी जिंदा है ........सलमान रुश्दी पिछली राजस्थान भाजपा सरकार में जयपुर में आयोजित लेखक सम्मेलन और पुस्तक मेले आये और चले गये तब किसी भाजपाई ने एतराज़ नहीं किया कोंग्रेसियों को तो मुस्लिम विरोधी लेखकों या उनकी हरकतों से कोई फर्क ही नहीं पढ़ता ..लेकिन अभी २१ जनवरी से जयपुर राजस्थान में आयोजित होने वाले सम्मेलन में जब सलमान रुश्दी के आने की खबर मिली तो भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के अमीन पठान ने इसका विरोध करने का साहसिक और मानवता भरा निर्णय लिया भाजपा में उनके इस निर्णय से हडकम्प मच गया भाजपाइयों का कहना था के अपनी सरकार में जो व्यक्ति आकर गया हो और जो पार्टी निति है जिसमे मुस्लिम समस्याओं के बारे में बात ही नहीं करना फिर अमीन पठान भाजपा में रहने के बाद मुस्लिमों के हक की बात केसे कर सकते है लेकिन भाई अमीन तो पठान है और पठान कुछ भी कर सकता है उसमे रजनीति की अक़ल नहीं होती वोह तो मानवता और इंसानियत इंसाफ के लियें बस दिल से सोचता है ..अमीन पठान की इस हरकत से कोंग्रेस भी सकते में आ गयी जो कोंग्रेस सलमान रुश्दी की राजस्थान यात्रा को सामान्य यात्रा मान रही थी उसकी आँखे फटी की फटी रह गयी ..कोंग्रेसी सोचने लगे के खबर छपवाई जाए के सलमान तो भाजपा राज में आकर गये थे तब भाजपा चुप थी लेकिन भाई किस राज में क्या हुआ इसपर सोचने से बहतर यह है के कोंग्रेस राज में मुस्लिम विरोधी लेखक तो कमसेकम राजस्थान नहीं आये अल्प संख्यक फ्रंट के तरफ से एजाज एहमद .अज़ीज़ अंसारी .अख्तर खान अकेला ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज कर सलमान रुश्दी की सी विवादित यत्र को धारा १४४ सी आर पी सी के प्रावधानों के तहत प्रतिबंधित करने की मांग की लेकिन जनाब ज्ञापन पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया और इस ज्ञापन की प्रतिया देख कर कोटा के बढ़े अख़बारों ने इसे मुख्य खबर बनाने की बात खी लेकिन अख़बार तो अख़बार है वोह तो मनमानी करते है खबर और अख़बार अपने बाप की जागीर मानते है और जनाब अख़बारों से योजनाबद्ध तरीके से वोह खबर गायब थी तो लेखक और कोटा के सम्पादक अख़बार जी तो एक जेसे ही निकले जनाब जी ......... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...