आपका-अख्तर खान

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16 मई 2011

कभी जो लोगों को भगा भगा कर मारते थे आज वही पुलिस से भाग रहे हैं

  कहते हैं के वक्त बलवान होता है , यह कब पलती खा जाए किसी राजा को फकीर और फकीर को राजा बना दे कुछ कहा नहीं जा सकता इसीलियें लोग इतराने इठलाने से बचने की सलाह देते हैं कहते हैं के जब अपना वक्त अच्छा हो तो इंसान को इंसान समझो और जो अच्छे वक्त में लोगों को इंसान की जगह कीड़े मकोड़े समझता है उसका वक्त बिगड़ने के बाद उसका कोई सगा नहीं रह जाता है  यही हाल राजस्थान पुलिस के ऐ डी जी  ऐ के जेन का रहा है सरकार के हाथों की कठपुतली बन कर लोगों को दोड़ा दोड़ा कर मारने वाले अधिकारी जी का बुरा हाल है  कभी जो लोगों को भगा भगा कर मारते थे आज वाही पुलिस से भाग रहे हैं ...जी हां दोस्तों राजस्थान के फर्जी ऍन काउंटर दारिया केसे में अभी सी बी आई को ऐ के जेन ऐ डी जी क्राइम राजस्थान सरकार की तलाश है और यह जनाब कानून के रक्षक होकर कानून की पालना करने की जगह खुद कानून से भाग रहे हैं और फरार हो गए हैं ..
सी बी आई की पुलिस ऐ के जेन की तलाश में जुटी है लेकिन अपराधी से भी खतरनाक तरीके से ऐ के जेन साहब ला पता हो गये है ,राजस्थान में कोई भी छोटा अपराध करने वाला अगर फरार हो जाता है तो यहाँ पुलिस ऐसे फरार अपराधी के भाई,माँ,पत्नी,पिता,दोस्तों को थाने पर बुलाकर प्रताड़ित करती है और इसकी लम्बी छोड़ी दास्ताँ है जिसे सरकार ने भी विधिक मान्यता दे रखी है अब इन हालातों में नाजायज़ हिरासत में अनाव्शुक माँ बाप को रखने वाले अधिकारी जो फरार हैं अगर सी बी आई पूंछतांछ के लियें अगर उनके परिजनों में से किसी को बुलाकर बिठा ले तो उनके दिल पर क्या गुजरेगी यह वाही बता सकते हैं लेकिन राजस्थान में रोज़ हजारों हजार लोग नाजायज़ हिरासत में इस कारण तकलीफ के दोर से गुज़रते हैं ..इन हालातों में अब राजस्थान पुलिस को इन्साफ की बात करने के लियें आगे आना चाहिए ज़ुल्म ज्यादती नेताओं की चमचागिरी छोड़ सीधे जनता की हिफाजत के लियें काम में लग जाना चाहिए लेकिन भाई यह पुलिस है क्या सुधर सकेगी ..............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

खुद तो महेश हैं लेकिन किसी ने उन्हें माही बना दिया

लिख रहा हूँ ताकि सांस ले सकूँ, जो न कभी खुद से मैंने कहा वो आज कह सकूँ." यूँ तो महेश कहते हैं लोग मुझे, पर किसी ने माही नाम दिया है... लोग होश सँभालने के बाद ही लिखना शुरू करते हैं पर मेरी कविताओं ने ही मुझे संवारा है... आज कुछ नहीं बस कहने को एक Electrical Engineer हूँ मैं... रहता हूँ जबलपुर में, पर सारा हिंदुस्तान हमारा है...जी हाँ दोस्तों यह एक जूनियर ब्लोगर हैं लेकिन अपने दो साल की ब्लोगिंगमें महेश बर्माटे  सभी ब्लोगर्स भाइयों के अज़ीज़ बन गये हैं .......भाई महेश जी बर्माटे   के होसले की बात हैं के उन्होंने कला. साह्तीय .चित्रकारिता .गज़ल गीत और रचनाओं के अलग अलग ब्लॉग बनाये हैं कुछ हिंदी कुछ अंग्रेजी में भाई महेश बर्माटे ने अपने ब्लॉग माही ....और दिल से में बहुत कुछ लिखा है और दिल से लिखा है ..इनकी रचनाओं में विरह की तडपन अपनों का मिलन और छोटों बढो का आदर भाव भी छुपा है ...अभी महेश जी नवोदय ब्लोगर्स को सीख देने और ब्लोगिग्न के तोर तरीके सिखा कर उत्साह वर्धन करने के लियें एक साँझा ब्लॉग बनाना चाहते है इसके लियें उन्होंने सभी से सहयोग मनगा है और सभी हर कदम पर उनके साथ हैं ..क्योंकि ब्लोगिग्न के उभरते सितारे इंजिनियर महेश बर्माटे अब लोगों के दिलों के नजदीक आने लगे हैं उन्हें उनके पुनीत कार्य में खुदा कामयाब करे और ब्लोग्गिं के लोग उनका सहयोग करे बस यही उम्मीद सभी ब्लोगरों से है ..............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान


राजस्थान में दारिया का भुत पुलिस अधकारियों के पीछे पढ़ा ..........

कहते हैं खून गरीब का हो या आमिर का एक दिन सर चढ़ कर जरुर बोलता है और देश में इन दिनों फर्जी एंकाउन्टर करने वालों के मामले में कुछ ऐसा ही हो रहा है ..फर्जी एंकाउन्टर के नाम पर हत्या करने वाले पुलिस कर्मी अब एक के बाद एक जेल में जाने लगे हैं ........राजस्थान में भी पिछले दिनों भाजपा शासन काल में दारिया नाम के एक व्यक्ति को पुलिस हिरासत में बेरहमी से मार दिया था और उसे एंकाउन्टर  करार देकर  इस अपराध को करने वाले पुलिस अधिकारीयों को सम्मानित किया था .इस मामले की जांच मानवाधिकार आयोग ने की लेकिन नतीजा सिफार रहा पुलिस ने सभी जांच मेनेज कर ली और क्लीन चिट प्राप्त कर ली .....यह सब होता रहा लेकिन दारिया की विधवा पत्नी कभी अदालत कभी मन्दिर के चक्कर काटती रही और नतीजन इस मामले की जांच सी बी आई को दी गयी ,,,,,,,,,,,,,,जो पुलिस अधिकारी अपनी नाक पर मक्खी नहीं बेठने देते थे सत्ता पक्ष के मंत्रियों की दलाली क्या करते थे इंसान को गाजर मुली की तरह काट देते थे , इंसानों के साथ जानवरों की तरह बर्ताव कर सरकार की नाक के बाल बने हुए थे वाही पुलिस कर्मी पहले तो सी बी आई के सामने गुर्राए फिर इस गलत फहमी में रहे के हम तो सरकार के मंत्रियों के ख़ास हैं पुलिस विभाग के हीरो हैं हमारा कोई क्या बिगाड़ेगा लेकिन खुदा के घर देर है अंधेर नहीं है .इधर सुप्रीम कोर्ट ने फर्जी एंकाउन्टर करने वालों पर शिकंजा कसा उधर सी बी आई हरकत में आई पहले तीन छोटे अधिकारी पकड़े और कल आई जी रेंक के एक अधिकारी को इस मामले में धर दबोचा जिन लोगों की नज़र में आदमी के खुद की कीमत कुछ नहीं है वोह तो सोचते हैं अपराधी था मर गया तो क्या हुआ पुलिस ने कोनसा गलत करा है इतने बढ़े अधिकारी को क्यों पकड़ा गया है तरह तरह के सवाल है जो मानवाधिकार विरोधी विचारधारा वाले सेल्फिश लोगों के दिमागों में है लेकिन इन्सान अपराध और ज़ुल्म करने के पहले भूल जाता है के इश्वर की लाठी में आवाज़ नहीं होती है और इस दारिया हत्याकांड में भी यही हुआ .
दरिया की विधवा रोती रही बिलखती रही लेकिन पुलिस को दारिया और उसकी पत्नी पर रहम नहीं आया आज भी सरे राजस्थान में पुलिस नाजायज़ हिरासतों के किस्से आम हैं लेकिन सारे पुलिस अधिकारी बेखोफ ज़ुल्म बरपा  कर  रहे हैं ,,,उन लोगों को हाल ही में गिरफ्तार आई जी राजस्थान की हालत को देख लेना चाहिए के बुरे कम के बुरे नतीजे ही होते है कल जिनके नाम से पुलिस के अधिकारी कांपा करते थे आज व्ही अधिकारी सी बी आई हिरासत में काँप रहा है राजस्थान में अभी तो यह सिलसिला और आगे चलने वाला है जिसमे कई दुसरे अधिकारी भी पकड़ में आने वाले है .................................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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