क्रिसमस ईसाई समुदाय के लोगों का महापर्व है। यह पर्व हर वर्ष 25 दिसम्बर को मनाया जाता है। ईसाई धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था। ईसाई समुदाय के लोग ईसा मसीह की शिक्षा को ही अपने धर्म का मूल आधार मानाते हैं। ईसा मसीह को जीसस क्राइस्ट भी कहते हैं।
ईसाई मानते हैं की ईश्वर ने इस संसार की रचना की है तथा अपने दूतों के माध्यम से लोगों को संदेश देते हैं। ईश्वर के पुत्र जीसस इस धरती पर लोगों को जीवन की शिक्षा देने के लिये आये थे। जीसस ने कहा था कि ईश्वर सभी व्यक्तियों से प्यार करते हैं तथा हमें प्रेम को जीवन में अपनाकर ईश्वर की सेवा करनी चाहिए।
ईश्वर की सेवा का सबसे उत्तम मार्ग दीन-दुखियों की सेवा करना है। क्रिसमस का त्योहार सभी लोगों को भाईचारा, मानवता व परोपकार का पावन संदेश देता है। यह उत्सव सुख, शांति व समृद्धि का सूचक है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
22 दिसंबर 2011
दुनिया को प्रेम का संदेश देता है क्रिसमस
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