यूआईटी प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए सोमवार सुबह 11.30 बजे पार्षद गिर्राज महावर अपने समर्थकों पूर्व पार्षद राजेंद्र सिंह हाड़ा, भाजपा कार्यकर्ता दीपक शर्मा व नरेंद्र शर्मा के साथ गोविंदनगर स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गए। यह देख अन्य भाजपा कार्यकर्ता व वार्डवासी भी टंकी के नीचे जमा होने लगे। सूचना मिली तो डीएसपी ठाकुर चंद्रशील व सीआई विजयशंकर शर्मा लवाजमे के साथ मौके पर पहुंच गए। सीआई ने कांफ्रेंसिंग के जरिए पार्षद से न्यास सचिव की बात भी कराई, लेकिन पार्षद नीचे उतरने को तैयार नहीं हुए और अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़ गए।
इस बीच भाजपा के अन्य पार्षद प्रतिपक्ष नेता बृजमोहन सेन, साबिर भाटी, शरणजीत कौर, रिया चौरसिया मौके पर पहुंच गई। कुछ देर बाद यूआईटी उपसचिव आनंदीलाल वैष्णव व स्थानीय जेईएन कमल मीणा मौके पर पहुंचे। उपसचिव ने बताया कि उनके वार्ड के लिए 50 लाख रुपए पांच दिन पहले ही स्वीकृत किए जा चुके हैं। इसके बाद पार्षद महावर अपने समर्थकों के साथ नीचे उतरने को तैयार हो गए। बाद में सहायक अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास, अमजद व पार्षद साबिर भाटी ऊपर गए और चारों को उतार कर नीचे लाए। नीचे आते ही पहले से ही तैयार खड़ी पुलिस ने चारों को गिरफ्तार किया और थाने ले गए। डीएसपी ठाकुर के अनुसार चारों को आत्महत्या का प्रयास व शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
‘६ माह से पत्र लिख रहा हूं’
गिर्राज महावर का कहना है कि वार्ड में पिछले 2 सालों में नगर निगम ने 15 व यूआईटी ने 14 लाख रुपए का काम कराया है। जबकि, आसपास के वार्डो में 1 करोड़ रुपए से अधिक के काम हो चुके हैं। स्वायत्त शासन मंत्री भी वार्ड 33 को छोड़कर शेष जगह समस्याएं देख जाते हैं और उनका समाधान भी करते हैं। वार्ड में रेलवे लाइन के पास अंडर ब्रिज बनाने, गलियों में सीसी रोड बनाने व वार्ड वासियों को पट्टे वितरित सहित कई काम बाकी हैं। नीचे आए पार्षद गिर्राज महावर ने आरोप लगाया कि यूआईटी को पिछले 6 माह से वे पत्र लिख रहे हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। महावर ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र के 4 कांग्रेसी पार्षदों के वार्डो में तो विकास कार्य हो रहे हैं, लेकिन वार्ड 33 के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
दिखी सवाईमाधोपुर की दहशत
पार्षद व भाजपाइयों के टंकी पर चढ़ते ही पुलिस अधिकारियों को पिछले दिनों सवाईमाधोपुर में एक व्यक्ति के टंकी पर चढ़कर आग लगाने और फिर सीआई को जिंदा जलाने की घटना याद आ गई। ऐसे में यहां पुलिस ने अपनी तरफ से एहतियातन हर काम किए और वहां मौजूद मीडिया को दिखा-दिखाकर किए। ऊपर चढ़े लोगों को माइक से चेतावनी दी गई। वहां जमा भीड़ को भी चेतावनी दी कि वे उन्हें उकसाए नहीं, अन्यथा उन पर भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा। उच्च अधिकारियों को सूचना दी। पुलिस लाइन से अतिरिक्त जाब्ता बुलवाया। फायरबिग्रेड को सीढ़ियां, रस्से व जाल लेकर बुलवाया।
॥‘पार्षद गिर्राज महावर ने यूआईटी सचिव को जो भी मांग पत्र दिया था। उस पर 5 दिन पूर्व ही स्वीकृति जारी की जा चुकी है। उसकी स्वीकृति के आदेश जेईएन कमल मीणा को दे दिए हैं और साथ ही पार्षद महावर को भी इस बारे में सूचित किया जा चुका है। फिर भी वे टंकी पर क्यों चढ़े समझ से परे हैं।’
- आनंदी लाल वैष्णव, उप सचिव यूआईटी
॥‘क्षेत्र में विकास कार्य करवाने के लिए मैंने 6 माह पूर्व यूआईटी सचिव को पत्र दिया। 2 माह पूर्व भी उनसे मिला। अभी 5 दिन पहले फिर उन्हें पत्र देकर अवगत करवाया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। काम नहीं होने के कारण जनता हमारे घर पर प्रदर्शन करती है। इससे परेशान होकर मैंने यह कदम उठाया। यूआईटी ने कोई काम स्वीकृत नहीं किए हैं न ही मुझे सूचना दी।’
- गिर्राज महावर, पार्षद
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