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15 दिसंबर 2011

कोटा वकीलों के बीच आज जीत का जश्न और हार का गम रहा

जी हाँ दोस्तों राजस्थान की सरगर्मी फेला देने वाली अभिभाषक परिषद कोटा में वर्ष २०१२ के चुनाव कल हुए जिसमे क्रपा शंकर श्रंग्गी अध्यक्ष ....ब्रिजराज चोहान महासचिव और नरेंद्र नारायण शर्मा उपाध्यक्ष नियुक्त हुए एक बंदूक वाले वकील साहब भगवान दास परमानी की भी इस चुनाव में कार्यकारिणी पद पर जीत हुई ....... आज सुबह अदालत परिसर में कुछ चेहरे बुझे बुझे से मायूस थे तो कुछ चेहरे खिले हुए था भविष्य में कोटा अभिभाषक परिषद का क्या खेल रहेगा क्या माहोल रहेगा कार्यकारिणी का तालमेल होगा या नहीं जो पिछली बार दो अभिभाषक परिषद हो गयी थी उसमे एकता होगी या नहीं बस इसी की चर्चाएँ थी जो लोग पराजित लोगों के साथ थे आज ख़ुशी ख़ुशी जीते हुए लोगों के साथ खड़े हो कर उन्हें बधाई दे रहे थे यह विशवास दिला रहे थे के वोह सिर्फ उनके ही वोटों से जीते हैं ॥ जीते हुए लोग उनके समर्थकों के साथ माल पहन कर बंद बाजे के साथ अदालत परिसर में धन्यवाद ज्ञापित कर रहे थे इसी बीच दूसरी बार अध्यक्ष का चुनाव हरे एक बुज़ुर्ग साथी भाई श्याम जी शर्मा के पास में जा बता वोह कहने को तो बुज़ुर्ग हैं लेकिन बातों से ज़िंदा दिल इंसान हैं वोह कहते हैं के पुराने चेचिस में नया इंजन लगा है इसीलियें वोह शरीर से बूढ़े दीखते हैं लेकिन उनका दिल जवान है ....... भाई श्याम शर्मा गत वर्ष भी चुनाव लड़े थे तब उनके चवदा वोट आये थे कुल १३०० में से चवदा वोट पर भी वोह संतुष्ट थे और इस बार फिर वोह खड़े हो गये थे सिमोज़िय्म शुल्क जजिया कर के रूप में वोह पांच हजार रूपये देते रहे हैं इस बार भी वोह चुनाव लड़े लेकिन इस बार उनके एक वोट कम यानी कुल तेरा वोट पढ़े वोह आज फिर संतुष्ट नज़र आये मेने उनसे पूंछा के भाई एक वोट कम केसे रहा वोह मुस्कुरा कर बोले आप तो पत्रकारिता भी करते हो जानते हो मेरा एक वोट अल्लाह को प्यारा हो गया है लेकिन में हारा नहीं हूँ अगली बार फिर चुनाव लडूंगा और तब लड़ता रहूँगा जब तक में जीत ना जाऊं या फिर मेरे खुद का वोट तक में ना सिमट जाऊं ॥ इस बीच जब लोग उनसे कतरा कर निकल रहे थे तो मेने उनसे कारण पूंछा तो श्याम जी ने हंसते हुए कहा के इनके दिल में चोर है यह घबरा रहे हैं के कहीं में इन्हें गाली नहीं बक दूँ उन्होंने बताया के पिछली बार मेरे चवदा वोट थे लेकिन करीब तीन सो वकील घर अलग अलग टाइम पर आये और उन्होंने मुझे वोट देने के बारे में बताया उनका कहना था के यह लोग मेरे घर पर आये महमान थे इसलियें में उनकी माँ बहन तो नहीं कर सका लेकिन मेने साफ़ तोर पर कह दिया के आप घर आये हो छाए पियो बिस्किट खाओ नमकीन खाओ और सुक्ख दुःख की बात करों चुनाव की बात कर खुद को और मुझे नरक में ना डालो इतनी डर में ही लोग उनके पास आने लगे और देखते ही देखते करीब तीस लोग उन्हें वोट देने का विश्वास दिलाकर चले गये श्याम जी बेचारे कहते रहे के देख लो अकेला जी यही कलियुग है मुंह पर झुंट बोलना इंसानी फितरत हो गयी है इतने में ही एक वकील साहब और आ गये जिनका समर्थित प्रत्याक्षी हार चुका था उनसे सद्भावना व्यक्त करते हुए जब बात करना चाहि तो वोह साफ़ मुकरते हुए बोले के मेरा समर्थित उम्मीदवार हारने वाला जरुर था लेकिन ऍन वक्त पर तो में जीतने वाले के साथ हो गया था और मेरे समर्थन से ही तो जीतने वाले की जीत हुई है ॥ इस बार चुनाव में मत गणना के दोरान कुछ लोगों ने सचिव के वोट गिनते वक्त गड़बड़ी करने की कोशिश की

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