आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

18 दिसंबर 2011

जानें, क्यों रुद्राक्ष है साक्षात् शिव?


रुद्राक्ष शिव का साक्षात् स्वरूप माना जाता है। रुद्राक्ष दो शब्दों रुद्र और अक्ष से मिलकर बना है। जिसका सरल अर्थ ही है रुद्र यानी शिव के नेत्र। वहीं रुद्राक्ष शब्द के पीछे छुपी गूढ़ता जानें तो रुद्र का अर्थ है रुत् यानी दु:खों का नाश करने वाले वहीं अक्ष का अर्थ है आंखे यानी रुद्राक्ष शिव के नेत्रों से निकला पीड़ा हरण करने वाला है।

इस संबंध में शिव पुराण में लिखा भी है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति शिव के आंसुओं से हुई है। इसके अलावा भी अन्य पुराण रुद्राक्ष के शिव अंश होने की पुष्टि करते हैं। जानते हैं रुद्राक्ष के शिव का साक्षात् स्वरूप होने से जुड़े ऐसे ही पुराण प्रसंग -

शिव पुराण के मुताबिक सती से वियोग होने से आहत शिव के आंसुओं की बूंदे जमीन जगह-जगह पर गिरने से रुद्राक्ष वृक्ष पैदा हुआ।

श्रीमद देवी भागवत् में उल्लेख है कि राक्षस त्रिपुर के नाश के लिये जब लंबे वक्त तक भगवान के नेत्र खुले रहे तो उनसे थकावट के कारण आंसू निकल भूमि पर गिरे। इससे ही रुद्राक्ष का वृक्ष प्रकट हुआ।

इसी तरह पद्मपुराण में लिखा है कि सतयुग में जब ब्रह्मदेव के वरदान से शक्तिसंपन्न बना दानवराज त्रिपुर जब पूरे जगत को पीडि़त करने लगा, तो देवताओं की प्रार्थना पर भगवान शंकर ने अपनी तेजस्वी दृष्टि से त्रिपुर का अंत किया। त्रिपुर से युद्ध के दौरान महादेव की देह से निकली पसीने की बूंदों से रुद्राक्ष के पेड़ की उत्पत्ति हुई।

रुद्र शिव का संहारक स्वरूप माना गया है। वहीं, वेद भी संपूर्ण प्रकृति को ही शिव का स्वरूप बताते हैं। इसलिए भी शिव के ही प्राकृतिक स्वरूप में रुद्राक्ष अनिष्ट, पाप व दु:ख नाशक माना गया है। यहीं नहीं, शिव उपासना की भांति रुद्राक्ष धारण करना भी कामनासिद्धि कर आयु, धन, वैभव, पुण्य और मुक्ति देने वाला माना गया है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...