अण्णा के गांव में आने पर अक्सर सभी काम को छोड़ कर उनसे मिलने वाले लोग अचानक कहां व क्यों गायब हो गये? इस बात की चर्चा रालेगणसिद्धी में हर जुबान पर है। सबसे बड़ा सवाल यह पूछा जा रहा है कि आखिर इस बार अण्णा का स्वागत क्यों नहीं किया गया? ध्यान रहे कि अण्णा इस बार जब मुंबई में तीन दिवसीय अनशन के लिए रवाना हो रहे थे। तब करीब एक से डेढ़ हजार ग्रामीण उनकी जयजयकार करते देखे गये थे।
माना जा रहा है कि मुंबई में जिस तरह अण्णा के अनशन में लोगों की भीड़ नहीं उमड़ी, उसे देख कर रालेगणसिद्धी के लोगों में भारी निराशा का माहौल है। बता दें कि गुरुवार की दोपहर को अण्णा जब रालेगणसिद्धी पहुंचे, तो उनके साथ सिर्फ दादा पठारे, सुरेश पठारे, अनिल शर्मा जैसे गिनती के लोग ही थे। जबकि वे जब दिल्ली में आंदोलन करके गांव लौटे थे, तो उनके स्वागत में ग्रामीणों का सैलाब उमड़ा था।
इतना ही नहीं लोगों ने बड़े पैमाने पर आतिशबाजी कर एक तरह से दीवाली मनाई थी। परंतु इस बार सब कुछ सूना-सूना था। संभवत: अण्णा की तबीयत ठिक न होने की वजह से रालेगणसिद्धी में यह सब कुछ हुआ होगा। इस प्रकार का तर्क टीम अण्णा से जुड़े लोग दे रहे हैं।
दो जनवरी को कोर कमेटी की बैठक
मुंबई का अनशन फ्लॉप होने के बाद अब टीम अण्णा की कोर कमेटी की २ जनवरी को रालेगणसिद्धी में महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। खुद अण्णा के करीबी सुरेश पठारे ने बैठक की जानकारी ट्विट कर दी है। उन्होंने कहा है कि अण्णा की सेहत ठिक नहीं है।
डॉक्टरों ने उनके सिने में इन्फेक्शन होने की बात कहते हुए 8-10 दिन तक पूरी तरह से विश्राम करने की सलाह दी है। उन्होंने अण्णा के समर्थकों से अपील की है कि वे उन्हें आराम करने दें। पठारे ने गुरुवार को अण्णा की मेडिकल रिपोर्ट भी जारी की। जिसमें अण्णा का ब्लडप्रेशर १२क्/९क् बताया गया है। इसी तरह उन्हें बुखार होने, सर्दी-खासी की परेशानी होने और असहज महसूस होने की बात कही गई है।
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