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16 दिसंबर 2011

बस झलक भर से थर-थर कांप गया था अमेरिका, भागा था उलटे पांव


न्यूज डेस्क. 16 दिसंबर का दिन विश्व इतिहास में एक खास महत्व रखता है। 40 साल पहले आज ही के दिन बांग्लादेश को एक अलग देश के रूप में आजादी मिली थी। तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान रहे बांग्लादेश को भारत ने आजादी दिलवायी थी। लेकिन इस जंग में एक तीसरा देश और था जिसने एक अहम भूमिका निभायी। वो देश था रूस।

1971 की जंग में पाकिस्तान की मदद करने के लिए अमेरिका कूद पड़ा था। ऐसे में भारत और बांग्लादेश के समर्थन में रूस ने अपने युद्ध पोत उतार दिए थे। रूसी सैन्य ताकत के सामने अमेरिका को अपने कदम पीछे लेने पड़ गए थे। रूस की दखलअंदाजी के बाद युद्ध महज दो हफ्ते में समाप्त हो गया था।

यह जंग शुरू तो भारत और पाकिस्तान के बीच थी, लेकिन अमेरिका और रूस की एंट्री ने इसे महायुद्ध में परिवर्तित कर दिया था। ब्रिटेन ने भारत की मदद के लिए हिंद महासागर में अपना ईगल पोत उतारा था। उसी समय सोवियत सरकार ने एडमिरल व्लादिमिर क्रूग्ल्याकोव की अगुवाई में अपने युद्धपोतों का एक यूनिट भेज दिया था।

हिंद सागर के पश्चिमि छोर से अमेरिका ने अपनी नेवी भेजी थी, तो पूर्वी छोर पर सोवियत क्रूजर, डिस्ट्रॉयर और एंटी शिप मिसाइलों से लैस एटमी पनडुब्बियां आकर तैनात हो गई थीं। अमेरिका को डराने के लिए रूस ने सिर्फ अपनी मिसाइलों को ताना भर था।

इस बात से खौफ खाकर अमेरिका के एडमिरल डिमॉन गॉर्डन ने 7वीं अमेरिकी फ्लीट कमांडर को इस बारे में जानकारी दी और अमेरिका पीछे हो गया। इस वीडियो में इसी युद्ध नीति को बताया गया है।

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