आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

26 दिसंबर 2011

जन-गण-मन के शताब्दी साल को भूली सरकार

रायपुर। राष्ट्रगान जन-गण-मन को मंगलवार को 100 साल पूरे हो रहे हैं। इस ऐतिहासिक अवसर को राज्य सरकार ने भुला दिया है। संस्कृति विभाग को तो यह भी नहीं पता कि जन-गण-मन का यह शताब्दी साल है।
शासन की ओर से सौवीं वर्षगांठ पर कोई आयोजन नहीं किए जा रहे, जबकि राज्य स्थापना की 11वीं वर्षगांठ पर 1 नवंबर से प्रदेश के 55 सिनेमाघरों में राष्ट्रगान गाने की परंपरा शुरू की गई है। टॉकीजों में दिखाए जा रहे राष्ट्रगान में छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल ने राज्य के धार्मिक और पर्यटन स्थलों व पहचान से जुड़े लोगों को भी दिखाया गया है। संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल राज्य को देश में प्रदर्शित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम मानते हैं। लेकिन संस्कृति विभाग ही मंगलवार को कोई आयोजन नहीं कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में 27 जनवरी 1911 को पहली बार कविवर रविंद्रनाथ टैगोर रचित जन-गण-मन गाया गया था।
जन-गण-मन की खास बातें --
0 इंडियन नेशनल कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में 27 दिसंबर 1911 को पहली बार गाया।
0 महान संगीतकार पंकज कुमार मलिक ने संगीत तैयार किया।
0 24 जनवरी 1950 को संसद ने एडाप्ट किया।
0 सुभाष चंद्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी ने 1946 में इसे नेशनल एंथम स्वीकार कर लिया था।
0 ब्रम्हो स्टाइल में लिखा गया गीत है।
0 100 सालों में देश को जागृत किया। बार्डर पर सेना में जोश भरने वाला इससे अच्छा गीत नहीं।
नहीं हो रहा कोई आयोजन : सचिव
संस्कृति विभाग के सचिव मनोहर पांडेय ने स्वीकार किया कि उन्हें राष्ट्रगान के 100 साल पूरे होने की जानकारी नहीं है। इस वजह से कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जा रहे। हालांकि उन्होंने कहा कि राष्ट्रगान को टॉकीजों में प्रारंभ कर गौरवशाली काम किया गया है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...