जापान के एडवांस्ड इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी ने एक ऐसा सीट सिस्टम विकसित किया है जो कूल्हे के जरिए कार के सही ड्राइवर की पहचान सुनिश्चित करेगा। इस नई आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी से वाहनों की चोरी पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाया जा सकेगा। इस प्रक्रिया में न सिर्फ कूल्हे के आकार-प्रकार बल्कि सीट पर पड़ने वाले दबाव के आधार पर पहचान तय होगी।
क्या है तकनीक :
सीट के पिछले हिस्से में प्रेशर सेंसर लगाए गए हैं जो शून्य से 256 के स्केल तक माप लेते हैं। सीट में प्रभावी पहचान सुनिश्चित करने के लिए कुल 360 सेंसर्स का इस्तेमाल किया गया है। ड्राइवर के कूल्हे की माप समेत सीट पर पड़ने वाले दबाव की जानकारी एक लैपटॉप को प्रेषित की जाएगी। इसके आधार पर लैपटॉप सीट पर बैठने वाले शख्स का एक खाका खींचेगा। अगर यह खाका पहले से दर्ज आंकड़ों से मेल खाता है, तो ही कार स्टार्ट होगी।
क्या होगा फायदा :
अभी तक पहचान सुनिश्चित करने के लिए जो तकनीक मसलन आवाज और अंगुलियों के निशान की पहचान की जाती है, उनके साथ छेड़छाड़ संभव है। इसके अलावा इन आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी का सामने वाले पर मनोवैज्ञानिक दबाव भी पड़ता है। लेकिन इस तकनीक के साथ छेड़छाड़ करना संभव नहीं होगा। क्योंकि कूल्हे के दबाव को बदला नहीं जा सकता है।
आगे क्या :
इस टेक्नोलॉजी में एक पेंच यह है कि इंसान के कूल्हे का वजन घटता-बढ़ता रहता है। ऐसे में टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक इस खामी को दूर करने के लिए तकनीक में कुछ संशोधन कर रहे हैं। इसके अलावा इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल ऑफिसों में भी हो सकेगा। खासकर ऐसे संस्थानों में जहां राष्ट्रहित या सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्य होते हैं। इस तकनीक के बल पर सूचनाओं को गलत हाथों में पड़ने से रोका जा सकेगा।
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