नई दिल्ली. मंगलवार शाम को केंद्रिय कैबिनेट से लोकपाल बिल को मंजूरी मिलने के बाद सरकार ने लोकपाल बिल को सदन में 22 दिसंबर को पेश करने का फैसला लिया है। सरकार की ओर से यह भी साफ कर दिया गया है कि सीबीआई लोकपाल के दायरे में नहीं आएगी। सीबीआई सिर्फ उन मामलों में ही लोकपाल को रिपोर्ट करेगी जिन्हें लोकपाल सीबीआई को सौंपेगा। दूसरी और टीम अन्ना सीबीआई को लोकपाल के दायरे में लाने पर अड़ी है।
कैबिनेट की बैठक में सरकारी लोकपाल पर मुहर लग गई है। अब इसे गुरुवार को सदन में पेश किया जाएगा। लोकपाल की बैंच में आठ सदस्य होंगे। लोकपाल बैंच में 50 प्रतिशत आरक्षण भी होगा। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस, या सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज या फिर कोई प्रख्यात व्यक्ति ही लोकपाल बैंच के अध्यक्ष बन सकेंगे। चार सदस्यों का बोर्ड लोकपाल के सदस्यों का चुनाव करेगा। इसमें पीएम, नेता विपक्ष, लोकसभा अध्यक्ष और राष्ट्रपति द्वारा चयनित एक ज्यूरिस्ट होगा।
सरकारी लोकपाल के दायरे में ग्रुप सी के कर्मचारी नहीं आएगें। पीएम भी कुछ शर्तों के साथ दायरे में होंगे। वहीं लोकपाल के पास जांच करने के लिए अपनी टीम होगी। सीबीआई लोकपाल के दायरे से मुक्त रहेगी, यदि लोकपाल किसी मामले की जांच सीबीआई को सौपेंगा तो सीबीआई उसकी जांच करेगी।
सरकारी लोकपाल पर टिप्पणी करते हुए टीम अन्ना सदस्य किरण बेदी ने कहा, क्या आपने कभी ऐसी जांच संस्था को बनाए जाने के बारे में सुना है जिसके पास जांच करने का ही अधिकार न हो? क्या हम मूर्ख नागरिक हैं जिन्हें सरकार कुछ भी दे दे? इससे पहले बेदी ने प्रश्न किया कि सरकार सीबीआई को द्रौपदी क्यों बना रही है?
इससे पहले संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव शुक्ला ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, सरकार पूरी तरह से लोकपाल को लाने के लिए तैयार है। मंत्रीमंडल से मंजूरी मिलने के बाद सरकार परसों को इसे सदन में ले आएगी। सरकार के तीनों बिल तैयार हैं। लोकपाल के साथ-साथ ज्यूडिशियल अकाउंटेबिलिटी बिल और व्हिशिल ब्लोअर बिल भी लाए जाएंगे। सरकार लोकपाल बिल को 22 दिसंबर को सदन में लाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सरकार सत्र को 23 और 24 दिसंबर तक बढ़ाने पर भी तैयार हैं, बुधवार को इस पर चर्चा करके फैसला ले लिया जाएगा।
वहीं अन्ना हजारे के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि 27 दिसंबर से अन्ना हजारे का मुंबई में अनशन होगा। अन्ना से मिलने मंगलवार को रालेगण सिद्धि पहुंचे केजरीवाल ने यह बात ऐसे समय कही है जब सरकार ने संसद के मौजूदा सत्र में विस्तार का ऐलान किया।
लोकपाल के ड्राफ्ट को लेकर आ रखी खबरों पर केजरीवाल ने कहा, ‘जब तक हम खुद ड्राफ्ट देख नहीं लेते तब तक हमारे लिए कुछ भी कहना उचित नहीं होगा। हम अन्ना हजारे के संपर्क में हैं और उन्हें ताजा घटनाक्रम की जानकारी दे रहे हैं।’
सूत्रों के मुताबिक अन्ना हजारे 30 दिसंबर को दिल्ली आ जाएंगे और यहां सोनिया गांधी के घर पर धरना देंगे। इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने सोनिया के घर पर अन्ना के अनशन को कामयाब बनाने के लिए पूरी तैयारी की है।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक संसद का शीतकालीन सत्र 22 दिसंबर को खत्म हो रहा था। सरकार ने क्रिसमस की छुट्टियों के बाद संसद की कार्यवाही को फिर से 27, 28 और 29 दिसंबर को करने का फैसला लिया था लेकिन अब सरकार ने इस फैसले को वापस लेते हुए 23 और 24 दिसंबर को सत्र बुलाकर लोकपाल पास कराने का मन बनाया है। पहले सरकार ने क्रिसमस की छुट्टियों के बाद तीन दिन सत्र चलाने का फैसला लिया था लेकिन उत्तर-पूर्व के सांसदों के दवाब के बाद सरकार ने दोबारा २३ और २४ दिसंबर को सत्र बढ़ाने का मन बनाया है।
अब सरकार के सामने लोकपाल बिल को दो दिनों में ही पास कराने की चुनौती होगी। केंद्र सरकार ने कहा है कि सभी पार्टियों से विचार के बाद यह फैसला लिया गया है। संसद के बढ़े सत्र के दौरान तीन बिल पेश होंगे। लोकपाल के अलावा न्यायिक जवाबदेही और ह्वीसलब्लोअर्स बिल भी संसद में पेश किए जाएंगे। सरकार सीबीआई पर टीम अन्ना की जिद को ‘तानाशाही’ रवैया करार दे रही है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
20 दिसंबर 2011
अन्ना की मांगे दरकिनार, 22 को संसद में पेश होगा लोकपाल
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