2012 में नए साल का पहला दुर्लभ योग बन रहा है। मकर संक्रांति पर्व पर 20 घंटे के लिए महासंयोग बनेगा।
सालों बाद संक्रांति पर सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि एवं रवि योग का महासंयोग बनेगा। ये तीनों योग सूर्योदय से रात 12.35 बजे तक करीब 20 घंटे रहेंगे। एक साथ ये तीनों शुभ योग होने से श्रद्धालुओं को लाभ मिलेगा।
इस शुभ पर्व पर उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा जो कि सूर्य का ही नक्षत्र है। इस मकर संक्रांति पर सूर्य अपने नक्षत्र में रहकर ही राशि बदलेगा और मकर राशि में आ जाएगा। इस पर्व पर तीन शुभ योग और सूर्य के अपने ही नक्षत्र में होने के साथ ही रविवार भी रहेगा जो कि सूर्य देव का ही दिन रहेगा।
कब और कितनी बजे बदलेगा सूर्य-
14 जनवरी की रात को सूर्य 12:58 बजे मकर राशि में प्रवेश करेगा और 15 जनवरी की सुबह 7:14 बजे सूर्योदय से स्नान-दान के लिए पुण्यकाल शुरू होगा, जो शाम 4:58 बजे तक रहेगा।
क्या फल देते हैं ये तीन शुभ योग
अमृत सिद्धि योग: इस शुभ योग मेंं किए गए किसी भी काम काम का पूरा फल मिलता है। इस शुभ योग मेंंंंंं शुरू किए गए काम का फल लंबे समय तक बना रहता है।
सर्वार्थ सिद्धि योग: ज्योतिष के अनुसार इस योग में कोई भी काम करने से हर काम पूरा होता है। समस्त कार्य सिद्धि के लिए और शुभ फल प्राप्त करने के लिए यह योग
शुभ माना जाता है। इस योग में खरीददारी करने का भी विधान है। ऐसा माना जाता है कि सर्वार्थ सिद्धि योग में खरीददारी करने से लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
रवि योग: यह योग हर काम का पूरा फल देने वाला है। इस योग को अशुभ फल नष्ट कर के शुभ फल देेने वाला माना जाता है। इस योग मेें दान कर्म करना उचित माना जाता है। ये योग शासकीय और राजकीय कार्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
29 दिसंबर 2011
2012 का पहला दुर्लभ महासंयोग, 28 साल बाद तीन शुभ योग एक साथ
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उपयोगी जानकारी।
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