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27 नवंबर 2011

खुला आसमां-कड़कती ठंड़ में रात भर जिंदगी और मौत से लड़ता रहा मासूम!

भोपालगढ़/जोधपुर.एक नाबालिग बच्चे को जन्म देने के बाद बिना बताए अस्पताल से नवजात के साथ निकल गई। उसने शिशु को खेत में छोड़ दिया और खुद अपनी बुआ के यहां चली गई।

रात भर वह नवजात सर्दी में बिलखता रहा। सुबह दस बजे जब खेत की मालकिन आई तो उसे रोता देखा। इस पर महिला ने एक शिक्षक की मदद से उसे अस्पताल में भर्ती करवाया और पुलिस को सूचना दी।

मामले के अनुसार शुक्रवार रात इस अविवाहित किशोरी ने अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। समाज में बदनामी के डर से किशोरी अस्पताल से बिन बताए नवजात को लेकर निकल गई। उसने बच्चे को कस्बे के एक खेत में कपड़े में लपेट कर छोड़ दिया और खुद अपने रिश्तेदार के यहां चली गई।

शनिवार को सुबह 10 बजे खेत की मालकिन पहुंची तो उसे रोने की आवाज सुनाई दी। खेत की मालकिन महिला ने एक शिक्षक की मदद से बच्चे को अस्पताल पहुंचाया। वह करीब आठ घंटे जिंदगी और मौत से सर्दी में लड़ता रहा

सोलंकियों की ढाणी स्थित स्कूल में कार्यरत शिक्षक चेतन राम देवड़ा रोज की तरह शनिवार को सुबह 10 बजे बाइक से स्कूल जा रहा था। अचानक सड़क के पास खेत से महिला चिल्लाई कि बच्चा पड़ा है। शिक्षक ने पास जाकर देखा तो बच्चा जीवित मिला और रो रहा था ।

शिक्षक ने बच्चे को गोदी में उठाया और उस महिला को साथ लेकर अस्पताल में भर्ती करवा दिया। इस बीच पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही थानाधिकारी प्रदीप शर्मा, घेवरसिंह राजपुरोहित मौके पर पहुंचे।

अस्पताल के लेबल से हुई पहचान :

इलाज के दौरान डॉ. एमके जैन ने बच्चे के शरीर पर अस्पताल का लगा लेबल देखकर पहचान कर ली। उन्होंने बताया कि रात में तीन प्रसव हुए थे। एक भर्ती है और दो केस बिन बनाए यहां से रात में चले गए, जिनमें एक के बच्ची हुई थी और दूसरी के बच्चा हुआ है। यह बच्चा वही है।

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