नारियल को भारतीय सभ्यता में शुभ और मंगलकारी माना गया है। इसलिए पूजा-पाठ और मंगल कार्यों में इसका उपयोग किया जाता है। किसी कार्य का शुभारंभ नारियल फोड़कर किया जाता है। पूजा के प्रसाद में इसका प्रयोग किया जाता है। इसका उपयोग काड लिवर आइल के स्थान पर सेवन में किया जा सकता है। यह कच्चा और पका हुआ दो अवस्थाओं में मिलता है। नारियल का पानी पिया जाता है। इसका पानी मूत्र, प्यास व जलन शांत करने वाला होता है।
मुंह के छाले- मुंह के छाले होने पर नारियल की सफेद गिरी का टुकड़ा और एक चम्मच भर चिरोंजी मुंह में डालकर धीरे-धीरे चबाना व चूसना चाहिए।
पेट के कीड़े- बड़ी उम्र के व्यक्ति को अगर पेट में कृमि की समस्या है तो सूखे गोले का ताजा बूरा 10 ग्राम मात्रा में लेकर खूब चबा-चबाकर खा लें। इसके तीन घंटे बार सोते समय दो चम्मच केस्टर आइल, आधा कप गुनगुने गर्म दूध में डालकर तीन दिन तक पीएं। पेट के कीड़े मल के साथ निकल जाएंगे।
आधा सीसी- आधा सीसी वाला दर्द हो तो नारियल का पानी ड्रापर से नाक के दोनों तरफ दो-दो बूंद टपकाने से आधा सीसी का दर्द दूर होता है।
एसीडिटी- आजकल एसीडिटी यानी पित्त प्रकोप होना आम बात हो गई है। एसीडिटी से ग्रसित होने पर सीने व पेट में जलन, जी मचलाना, उल्टी होने जैसा जी करना या उल्टी होना, मुंह में छाले होना, सिरदर्द, होना पतले दस्त लगना आदि लक्षण प्रकट होते हैं। कच्चे नारियल की सफेद गिरी, खस और सफेद चंदन का बुरादा दस-दस ग्राम ले। एक गिलास पानी में डाल कर शाम को रख दें। सुबह इसे मसल कर छान कर खाली पेट पीने से एसीडिटी धीरे-धीरे खत्म होने लगेगी।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
23 नवंबर 2011
नारियल का अनूठा प्रयोग: हो जाएगी एसीडिटी की छुट्टी हमेशा के लिए
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)