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24 नवंबर 2011

युवक ने पवार को मारा थप्‍पड़, निकाला चाकू, अन्‍ना ने किया सवाल- एक ही मारा?


नई दिल्‍ली. केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को आज महंगाई पर जनता के गुस्‍से का हिंसक अंदाज देखना पड़ा। महंगाई से नाराज एक युवक ने उन्‍हें जोरदार थप्‍पड़ जड़ दिया। इस युवक ने चाकू भी निकाल लिया। हालांकि समय रहते उसे काबू में कर लिया गया और पुलिस के हवाले कर दिया गया। एनसीपी प्रमुख के साथ हुई इस हिंसा के बाद नासिक समेत महाराष्‍ट्र के कई हिस्‍सों में पार्टी कार्यकर्ता प्रदर्शन् कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस घटना की निंदा की है। उन्‍होंने शरद पवार को फोन कर उनका हालचाल पूछा है।

इस घटना पर रालेगण में जब अन्‍ना हजारे से पत्रकारों ने प्रतिक्रिया लेनी चाही और उनसे सवाल किया कि शरद पवार को दिल्‍ली में एक युवक ने थप्‍पड़ मारा है, इस पर आपका क्‍या कहना है तो अन्‍ना ने हैरानी के साथ कहा, ‘थप्‍पड़ मारा? एक ही थप्‍पड़ मारा?’ हालांकि इसके तुरंत बाद ही अन्‍ना ने इस घटना की निंदा की। उन्‍होंने कहा, ‘जनतंत्र में हाथापाई ठीक नहीं है। लेकिन सरकार को भी यह सोचना चाहिए कि लोगों का गुस्‍सा नहीं बढ़े। भ्रष्‍टाचार और महंगाई से लोग परेशान हैं।’

शरद पवार इफको के एक कार्यक्रम में हिस्‍सा लेने गुरुवार को एनडीएमसी के कन्‍वेंशन सेंटर पहुंचे थे। कार्यक्रम खत्‍म होने के बाद वह मीडिया से बात कर आगे बढ़े ही थे कि एक युवक उनकी ओर बढ़ा। उस युवक ने पवार को गाली देते हुए और यह कहते हुए कि देश में गुस्‍सा है, थप्‍पड़ मार दिया। उसे सुरक्षा गार्ड ने धर दबोचा, लेकिन उसके तेवर एकदम उग्र थे। उसने कहा, 'मैं हरविंदर सिंह हूं और पूर्व दूरसंचार मंत्री सुखराम पर भी मैंने ही हमला किया था।' इस युवक का कहना है कि वह महंगाई को लेकर शरद पवार के बयान से नाराज था।

घटना के चंद सेकेंड पहले वहां मौजूद पत्रकार शरद पवार से खुदरा बाजार में विदेशी निवेश के मसले पर सवाल पूछ रहे थे। पवार ने इन सवालों का कोई ठोस जवाब नहीं दिया। उन्‍होंने कहा कि यहां बताने की कोई जरूरत नहीं, जो कुछ कहना है कैबिनेट में कहूंगा। पत्रकारों ने जब पूछा कि सरकार के इस प्रस्‍ताव का विपक्ष विरोध कर रहा है, तो पवार ने कहा, ये मुझे मालूम नहीं, आप ही बता रहे हैं। इस तरह का जवाब देकर वह ज्‍योंही आगे बढ़े, वहां मौजूद हरविंदर ने पवार को यह कहते हुए थप्‍पड़ मार दिया कि उन्‍हें सब मालूम है। युवक चिल्‍लाया, ‘महंगाई को लेकर पूरे देश में गुस्‍सा है। सब चोर हैं।’

वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने इस युवक को पकड़ लिया। पत्रकारों ने पूछा कि पवार को थप्‍पड़ क्‍यों मारा, तो उसने कहा, 'और क्‍या करूं, जहां देखों वहां घोटाला, घोटाला, घोटाला।' यह कहते हुए इस युवक ने अपने पास रखा चाकू निकाल लिया और लहराने लगा।

दो दिन पहले भाजपा नेता यशवंत सिन्‍हा ने कहा था कि महंगाई को लेकर लोगों का गुस्‍सा बढ़ सकता है और हिंसा भी हो सकती है। कांग्रेस प्रवक्‍ता राशिद अल्‍वी ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यशवंत सिन्‍हा का बयान गैर जिम्‍मेदाराना है और इस घटना के लिए यशवंत सिन्‍हा का ही बयान जिम्‍मेदार है। अल्‍वी ने कहा, 'यह वाकया बेहद दुर्भाग्‍यपूर्ण है लेकिन भाजपा नेता का बयान इस घटना से भी बड़ा दुर्भाग्‍यपूर्ण था। राजनीतिक दलों के लोगों को काफी सोच-समझ कर बयान देना चाहिए।'
लेकिन बीजेपी नेता माया सिंह ने कहा, ‘यशवंत सिन्‍हा ने कुछ गलत नहीं कहा है। स्थिति और गंभीर हो सकती है। हालांकि मैं इस घटना की निंदा करती हूं। यूपीए सरकार को महंगाई को लेकर मौजूदा हालात को गंभीरता से लेना चाहिए। केंद्र सरकार को सोचना चाहिए कि महंगाई से आम आदमी को क्‍या कीमत चुकानी पड़ती है।’


आखिर क्‍या कहा था यशवंत सिन्‍हा ने? यशवंत सिन्‍हा ने कहा था, ‘अगर सरकार का यही रवैया रहा तो हम तो नाउम्‍मीद होंगे ही, देश की जनता भी पूरी तरह नाउम्‍मीद हो जाएगी। हमें लगता है कि सरकार महंगाई पर कुछ नहीं करेगी। यदि ऐसा होता है तो लोगों का गुस्‍सा कहीं न कहीं फूटेगा। हमें इसकी चिंता नहीं है कि महंगाई पर संसद में किस तरह की बहस हुई और कौन सा बिल आएगा। बड़ी चिंता आम आदमी की स्थिति को लेकर है जो इसे अब ज्‍यादा बर्दाश्‍त नहीं करेगा। और हमें कोई आश्‍चर्य नहीं होगा यदि महंगाई इस देश में हिंसा का कारण बन जाए।’

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