उसका कसूर सिर्फ यह था कि उसने माआवोदियों का पता बताने में अनभिज्ञता जताई थी। पुलिस की इस कार्रवाई से ग्रामीण सहमे हुए हैं। मामले की जानकारी मिलते ही विधायक हरिकृष्णा सिंह गांव पहुंचे और पीड़ित युवक से बातचीत की। विधायक ने बिरजू को एक हजार रुपए दिए और मामले को विधानसभा में उठाने की बात कही।
गया था कार्ड बांटने
मुर्गीडीह निवासी बिरजू उरांव के मुताबिक बुधवार रात वह अपनी बहन की शादी का कार्ड बांट कर सिरम गांव से साइकिल पर लौट रहा था। छतवाकरम के पास पुलिस टीम ने उसे रोक लिया। पहले उसे उग्रवादी बताया, फिर माओवादियों का पता पूछा।
जब उसने इनकार किया तो चिमटे से उसके बाएं हाथ की तीन और दाएं हाथ की पांचों उंगलियों के नाखून उखाड़ने का प्रयास किया। वह दर्द से बिलबिलाता रहा, लेकिन पुलिसवालों का दिल नहीं पसीजा। बाद में उसकी जमकर पिटाई की और दौड़ कर भागने को कहा। पुलिस वालों की मंशा समझकर जब उसने मना कर दिया तो उसे साइकिल से जाने की इजाजत दी गई।
पुलिस हमारे साथ ऐसा कर रही है। हमलोग कहां जाएं। डर है कि अगर पुलिसवाले फिर आ गए तो न जाने क्या कहर बरपाएंगे। धनेश्वर उरांव, पीड़िता के पिता
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