प्रदेश से 11 राज्यसभा सदस्यों में से तीन करोड़पति और आठ लखपति हैं। इनमें एक करोड़पति चंदन मित्रा के अलावा किसी भी अन्य राज्यसभा सदस्य की आय का कोई अन्य स्रोत नहीं है। इन १क् सदस्यों को न तो अन्य जगह से वेतन (सदन के सदस्य के तौर पर मिलने वाली तनख्वाह के अलावा) मिलता है, न शेयर आदि से आर्थिक लाभ होता है।
इन संस्थाओं के राष्ट्रीय संयोजक अनिल बैरवाल ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि सांसदों को सदन के सदस्य के तौर पर शपथ लेने के 90 दिन के भीतर एक घोषणा पत्र भरना होता है। राज्यसभा के पास फिलहाल 232 सदस्यों की जानकारी है। सांसदों से पूछा गया था कि उनकी आय का स्रोत क्या है?
करोड़ों की संपत्ति के मालिक : प्रदेश के तीन राज्यसभा सदस्य चंदन मित्रा, माया सिंह और विजयलक्ष्मी साधो करोड़पति हैं। भाजपा के चंदन मित्रा प्रदेश के सबसे धनवान राज्यसभा सदस्य हैं। वे 9.41 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं।
प्रदेश के ग्यारह राज्यसभा सदस्यों में से केवल चंदन मित्रा की ही आय का कोई स्रोत हैं। मित्रा को सीएमवाईके प्रिंटेक से सालाना 30 लाख रुपए की आय होती है।
किसकी कितनी मिल्कियत
विजयलक्ष्मी साधो 1.99 करोड़ रुपए
माया सिंह 1.48 करोड़
कप्तान सिंह सोलंकी 76.33 लाख
रघुनंदन शर्मा 66.30 लाख
विक्रम वर्मा 56.60 लाख
मेघराज जैन 50.00 लाख
प्रभात झा 25.55 लाख
नारायण सिंह केसरी 25.10 लाख
अनुसूइया उइके 21.67 लाख
अनिल माधव दवे 2.75 लाख
(एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच को सांसदों के चुनाव घोषणा पत्र से मिली जानकारी पर आधारित)
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