तुम टॉर्चर..
2006 में उन्होंने वीजा के लिए अप्लाई किया था। चार साल बाद कैनेडा हाई कमीशन ने पुलिस इंस्पेक्टर की मेडिकल जांच करवाई और 8 दिसंबर 2010 को इंटरव्यू के लिए बुलाया। लक्ष्मण दास का आरोप है कि इंटरव्यू के दौरान कैनेडा हाई कमीशन के अधिकारियों ने उसके साथ अपमानजनक व्यवहार किया। वीजा के लिए उन्होंने डिपार्टमेंट से नियमानुसार मंजूरी ली थी।
जालंधर के एसएसपी ने नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी दिया था। इंटरव्यू के लंबे अर्से बाद कैनेडा हाई कमीशन ने आधिकारिक पत्र में वीजा नहीं देने का जो कारण बताया है उसे पढ़कर लक्ष्मण दास निराश हैं। पंजाब पुलिस पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बारे में उन्होंने पंजाब पुलिस के डीजीपी और भारत सरकार के विदेश मंत्री को अवगत करवाया है
यह लिखा है पत्र में
पंजाब पुलिस थर्ड डिग्री का प्रयोग करती है। सीआईए स्टाफ हिरासत में लेकर करंट लगाता है। आरोपियों का सिर पानी में डुबोया जाता है। टांगों को पीछे की तरफ घुटनों तक मोड़ा जाता है। हिरासत में लिए व्यक्तिको नींद आती है तो उसे हाथ ऊपर कर खड़े रखा जाता है। कैनेडा के मानवाधिकार आयोग के नियमानुसार ये कृत्य अपराध हैं। इंटरव्यू के समय वह पंजाब पुलिस में कार्यरत है। ऐसे में उसे वीजा नहीं दिया जा सकता।
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