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07 नवंबर 2011

अगर ऐसा हो गया तो बंद हो जाएंगे मोबाइल इंटरनेट!


चंडीगढ़. ड्रैगन भारत के खिलाफ सामरिक तौर पर खुद को मजबूत कर रहा है तो पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता। तो अब भारत भी इन देशों की मौजूदा तैयारियों को देखते हुए हथियारों से लेकर तकनीकी मोर्चे तक आत्मनिर्भरता हासिल करने के रास्ते पर चल पड़ा है।

इसी प्रक्रिया में आने वाले कुछ ही महीने में सेना के लिए ई-बम टोरपीडो एडवांस लाइट जैसे हथियारों के साथ तकनीकी मोर्चे पर कई उपकरण बनाए जा रहे हैं। इस सभी को हासिल करने का श्रेय जाता हैटीबीआरएल के वैज्ञानिकों को। इन वैज्ञानिकों की मदद से अपने ही देश में यह तकनीक तैयार की गई।

हमले के क्षणभर में ई-बम कर देगा तहस नहस

टीबीआरएल ने ई-बम नामक एक ऐसा बम बनाया जिससे मानव शरीर पर कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन मोबाइल, इंटरनेट, बिजली इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सब कुछ खराब हो जाएगा। टीबीआरएल के चंडीगढ़ के निदेशक मनजीत सिंह ने बताया कि ई-बम की रिसर्च का काम पूरा हो गया है। जल्द ही इसे बनाने का काम शुरू हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस बम की मारक क्षमता 1 से 2 किलोमीटर क्षेत्र में प्रभावी होगी। बम के गिरते ही क्षेत्र में कुछ ही क्षणों में पूरी तरह जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। सभी उपकरण अपने आप बंद हो जाएंगे।

इसमें लगभग तीन किलो आरडीएक्स का इस्तेमाल किया जाएगा। सिंह सोमवार को टीबीआरएल की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य 8वीं इंटरनेशनल हाई एनर्जी मेटीरियल्स कॉन्फ्रेंस एंड एग्जीबिट- एचईएमसीई-2011 का आयोजन टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी रामगढ़ रेंज में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार की जानकारी दे रहे थे । उन्होंने बताया कि इस आयोजन से भारत की रक्षा, अंतरिक्ष और आंतरिक सुरक्षा प्रणाली को अपग्रेड करने में मदद मिलेगी।

1961 में हुई स्थापना

डॉ. मनजीत सिंह ने कहा कि टीबीआरएल की स्थापना 1961 में की गई थी और इसने टेस्ट व मूल्यांकन प्रयोगशाला परीक्षण के रूप में कार्य शुरू किया। अब टीबीआरएल विस्फोट व क्षति के क्षेत्र, शॉक व डेटोनिक्स, शेप्ड चार्ज और नौसेना हथियार प्रणालियों के क्षेत्र में उत्कृष्टता का केंद्र बन गया है।

बंद ब्लास्ट डिवाईज (बीबीडी)

उन्होंने बताया कि ब्रिज तैयार करने में बीच में आने वाली बाधाओं को जल्द दूर करने के लिए बंद ब्लास्टडिवाइज तैयार किया गया है। इससे फौज को आगे बढ़ने के लिए पुल बिछाने में सुविधा होगी। इसके अलावा भीड़ को नियंत्रित करने हेतु गैर घातक गोलियां, बफल रेंज, विस्फोटक ब्राइंड वायर डेटोनेटर आदि बनाया है।

टोरपीडो-अंडर वाटर मिसाइल

नौसेना के लिए टोरपिडो के नाम अंडर वाटर मिसाल तैयार की गई है। टोरपिडो पानी के अंदर दुश्मन को डिटेक्ट कर उस पर हमला करेगी। डॉ. मनजीत सिंह ने बताया कि इंसेंसेटिव म्यूनिशन कंप्लाइंस के सुरक्षित एक्सप्लोसिव तैयार करने की योजना पर काम चल रहा है। इस जरूरत पर बल दिया जा रहा है कि यह एक्सप्लोसिव ऐसे हों जो उठाने, एक जगह से दूसरी जगह भेजने और इन्हें नष्ट करना आसान हो।

फौज ने मांगे 10 लाख मल्टी मोड ग्रेनेड

डॉ. मनजीत सिंह ने कहा कि वर्षो से टीबीआरएल ने फौज के लिए मल्टी मोड ग्रेनेड (एमएमजी) तैयार किया है। यह आधुनिक ग्रेनेड 3 से 5 मीटर के क्षेत्र में विस्फोट करेगा। इसमें टाइमर लगा हुआ, जिससे 3 सेकंड में यह ग्रेनेड फटेगा। उन्होंने बताया कि फौज ने 10 लाख ग्रेनेड तैयार कर देने को कहा है। शुरुआत में यह 80 लाख ग्रेनेड का निर्माण किया जाएगा।

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