हेलिकॉप्टर में मुख्यमंत्री के साथ ओएसडी गौरव बजाज और पीएसओ रामनिवास भी सवार थे। गहलोत न्यांगल बाड़ी (चूरू) में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। उनके हेलिकॉप्टर अगस्ता 109 ई ने सुबह 10.30 बजे जयपुर के सांगानेर एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी।
सुबह करीब 11.50 बजे पिलानी के पास हेलिकॉप्टर के पंखों को घुमाने वाले रोटर की क्लिप टूट गई। इससे हेलिकॉप्टर हवा में ही लडखड़ाने लगा। पायलट ने तुरंत ही चांदगोठी गांव के जोहड़ की खाली जमीन पर हेलिकॉप्टर को सुरक्षित उतार दिया।
हेलिकॉप्टर को विंग कमांडर यूके शर्मा और को पायलट राकेश शर्मा उड़ा रहे थे। मुख्यमंत्री के हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग की सूचना मिलते ही हमीरवास थाना पुलिस और पिलानी एसएचओ मौके पर पहुंच गए।
आधे घंटे बाद ही चिड़ावा एसडीएम नारायण सिंह शेषमा और डीएसपी राजेंद्र डिढारिया भी वहां पहुंच गए। गांव में करीब 40 मिनट रुकने के बाद मुख्यमंत्री सड़क के रास्ते कार्यक्रम स्थल के लिए रवाना हुए।
हिसार के रास्ते जयपुर लौटे गहलोत
सड़क मार्ग से न्यांगल बाड़ी के कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मुख्यमंत्री हिसार (हरियाणा) गए। वहां से मुख्यमंत्री को लेने के लिए स्टेट प्लेन पहुंचा। हिसार से मुख्यमंत्री स्टेट प्लेन में जयपुर आए।
विशेषज्ञ मान रहे हैं चमत्कार
जमीन से 3000 फीट की ऊंचाई पर रोटर की क्लिप टूट जाने के बाद भी हेलिकॉप्टर की सुरक्षित लैंडिंग को एविएशन विशेषज्ञ चमत्कार मान रहे हैं।
रोटर की क्लिप टूटने के बाद हेलिकॉप्टर नियंत्रण में नहीं रहता और लड़खड़ाने लग जाता है, ऐसी स्थिति में सुरक्षित लैंडिंग असंभव हो जाती है। मुख्यमंत्री के हेलिकॉप्टर को उतरने के लिए आसपास समतल और कड़ी जमीन नहीं मिलती तो बड़ा हादसा हो सकता था। इसे मिरेकल एस्केप माना जा रहा है।
चाय पी, 1000 रु. दि
चांदगोठी में इमरजेंसी लैंडिंग के बाद गहलोत नंदराम पूनिया के घर गए और चाय पी। 95 वर्षीय पूनिया को उन्होंने 1000 रु. उपहार स्वरूप दिए।
वहां मौजूद जय बल खान को भी गहलोत ने 500 रुपए उपहार स्वरूप दिए।
जांच के बाद होगा कारणों का खुलासा
हेलिकॉप्टर चांदगोठी में ही खड़ा है। तकनीकी टीम मौके पर पहुंच गई है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की तकनीकी टीम भी जांच करेगी। इसके बाद ही खराबी के कारणों का खुलासा हो सकेगा।
पहले भी इसी क्षेत्र में बाल-बाल बचे
पिलानी के पास गहलोत के हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग की यह दूसरी घटना है। 1999 में भी चांदकोठी से महज 12 किमी दूर सुलखनिया गांव में उनका हेलिकॉप्टर पेड़ पर अटक गया था लेकिन पायलट लैंडिंग कराने में सफल रहा था। उस समय गहलोत सुलखनिया गांव में कारगिल शहीद के घर जा रहे थे।
जिस कंपनी के खिलाफ शिकायत, वही कर रही है मेंटीनेंस
हेलिकॉप्टर अगस्ता-109ई की मेंटीनेंस की जिम्मेदारी ओम सत्य साई (आईएसएस) कंपनी की है। इस कंपनी के खिलाफ 4-5 माह पहले पायलट ने लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि इसका मेंटीनेंस का काम ठीक नहीं है, लेकिन इसके बाद भी यही कंपनी मेंटीनेंस कर रही है। सरकार के सिविल एविएशन विभाग ने टेंडर के जरिए आईएसएस को नियत किया था। जम्मू-कश्मीर के चीफ पायलट सुरेंद्र कटोच का कहना है कि सरकार को कम रेट्स की बजाय कंपनियों की परफॉर्मेंस जांचनी चाहिए।
प्रशासनिक अधिकारी संभाल रहे हैं तकनीकी कार्य की जिम्मेदारी
ज्यादातर राज्यों में एविएशन विभाग का प्रमुख एविएशन से संबद्ध तकनीकी अधिकारी है, जबकि राज्य में प्रशासनिक अधिकारी। विशेषज्ञों का मानना है कि मेंटीनेंस इंजीनियर प्रशासनिक अधिकारी को जो बताता है, उसे तकनीकी पक्ष कमजोर होने के कारण अधिकारी मान लेता है।
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