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05 नवंबर 2011

अभी भी वक्त है ना समझे तो कोंग्रेस को तलाशते रह जाओगे

दोस्तों हम राजस्थान के कोंग्रेसी वोटर हैं यहाँ हमे भेड़ चाल चलने वाला वोटर कहा जाता है और सच यही है के हमारे कार्यकर्ताओं और वोट के बल पर यहाँ कोंग्रेस की सरकार बनती है ..हमारे मुस्लिम लोग जो दुसरे समाजों के मुकाबले में काम अकाल माने जाते है और बिना बुद्धी का इस्तेमाल किये कोंग्रेस सिर्फ कोंग्रेस को ही वोट देने वाले गुलाम कहे जाते है ..किसी भी चुनाव में अगर हमारे समाज का कोई भी नेता बगावत कर खड़ा हो जाए तो हम कोंग्रेस के समर्थन में उनके कपड़े फाड़ने के लियें निकल पढ़ते है और उन पर भाजपा से रूपये लेकर चुनाव में खड़े होने के खुले आरोप लगाते हैं .आज केंद्र और राजस्थान में हमारी अपनी यानी हमारे वोट पर बनी सरकार है ..इनके मंत्री हमे एक बुलाते हैं हम हजारों की तादाद में अपना सब कुछ छोड़ कर चले जाते हैं कोंग्रेस के इशारे पर हम हमारे भाई ..धर्म गुरु का अपमान ही नहीं करते बलके उनसे सडकों पर भी निपट लेते हैं नेता और मंत्रियों के पास जाकर हम एक दुसरे मुस्लिम भाई की बुराई कर मुखबिरी करते है और आज देख लोग सरकार है तो हम कहां खड़े है राजस्थान में मंत्री कितने है मुस्लिम इदारों में नियुक्तियों का क्या हाल है कहां कितने मुस्लिम नियुक्त हुए ..गोपालगढ़ ..मोडक...सरवाड़ में क्या हाल है ..आज कोनसे ऐसे हालात बने के कोटा सहित राजस्थान के मुसलमानों को ईद जेसे त्यौहार पर काली पट्टी बांध कर प्रदर्शन करना पढ़ रहा है ................ दोस्तों हम अधिकतम कोंग्रेसी हैं हमे कमसे कम इस मामले में सोचना चाहिए और हमारे जो कोंग्रेस के नेता हैं उनकी आँखों में आँखें डाल कर उनसे इन हालातों पर जवाब तलब करना चाहिए हम जो मंत्रियों और नेताओं के चमचे कहलाते हैं अगर ऐसा नहीं कर सके तो हम कोंग्रेस का ही नुकसान कर रहे है क्योंकि कोंग्रेस इन्साफ सिखाती है कोंग्रेस लोकतंत्र सिखाती है कोंग्रेस एक खुशनुमा आज़ादी सिखाती है और अगर मुसलमान नेता यूँ ही निजी लाभों के लियें खुद भी शोषित होता रहा और मुसल्मानों पर हो रहे ज़ुल्मों को सहता रहा तो एक दिन राजस्थान बीहार..उड़ीसा..उत्तरप्रदेश..पश्चिमी बंगाल हो जाएगा जहां कोंग्रेस का नाम लेवा भी नहीं मिलेगा लेकिन इसके लियें ज़िम्मेदार हम और आप और हमारे नेता जो निजी लाभों के लियें स्वार्थ सिद्धि कर नेताओं के तलवे चाहते है तो दोस्तों उठों कोंग्रेस को बचाने के लियें ऐसे नेताओं के खिलाफ संघर्ष करो जो लोग कोंग्रेस को डुबो रहे हैं कोंग्रेस के परम्परागत वोटों को कोंग्रेस से दूर कर रहे हैं ..मुसलमानों को कोंग्रेस से दूर करने के लियें षड्यंत्र के हालात बना रहे हैं ना मुस्लिम इदारों में नियुक्तियां होती हैं ना ही उन्हें उचित प्रतिनिधित्व मिलता है और जब कोंग्रेस के शासन में कोई ज़ुल्म होता है तो इन्साफ नहीं होता ..क्या इस शिकायत को हम और कोंग्रेस को बचाने के समर्थक नेता हाईकमान तक पहुंचा कर कोंग्रेस में रहकर कोंग्रेस की जड़े काटने वाले नेताओं की यह राम कहानी उन तक पहुंचा कर कोंग्रेस को बचा पायेंगे देख लो अभी भी वक्त है ना समझे तो कोंग्रेस को तलाशते रह जाओगे ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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