लंदन. लॉर्ड्स में पिछले साल अगस्त में इंग्लैंड-पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच के दौरान पैसे लेकर नो बॉल फेंकने के मामले में दोषी पाए गए पाकिस्तान के क्रिकेटर सलमान बट और मोहम्मद आसिफ की सज़ा का ऐलान हो गया है। लंदन की अदालत ने बट को ढाई साल, आसिफ को एक साल और आमिर को ६ महीने की सज़ा सुनाई गई है। वहीं, बुकी मजहर मजीद को सबसे अधिक २ साल और ८ महीने की सज़ा सुनाई गई है।
लंदन की एक अदालत ने मंगलवार को इन क्रिकेटरों को धोखाधड़ी की साजिश और गैर कानूनी तरीके से पैसे लेने के दोषी ठहराया था। फैसला सुनाने वाले जज कुक ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा है, 'आप लोग इसी के लायक हैं। आप लोगों ने क्रिकेट प्रेमियों को निराश किया है। आपका अपराध इतना गंभीर है कि आप लोगों को जेल भेजना ही उचित है।'
कोर्ट ने मजीद को स्पॉट फिक्सिंग में सबसे अहम साजिशकर्ता करार दिया है। गौरतलब है कि मजीद और आमिर ने कोर्ट के सामने सितंबर में अपने गुनाह कुबूल कर लिए थे। यही वजह है कि मजीद को थोड़ी कम सज़ा मिली है। मजीद ने अपने गुनाह कुबूल नहीं किए होते तो उन्हें चार साल से अधिक की सज़ा हो सकती थी। वहीं, गुनाह कुबूल करने के चलते आमिर को सबसे कम सज़ा सुनाई गई है। लंदन कोर्ट ने आमिर को बाल सुधार गृह भेजने का फैसला किया है।
अब बंद हो चुके ब्रिटिश टैबलॉयड 'न्यूज ऑफ द वर्ल्ड' ने क्रिकेट में सट्टेबाजी की इस साजिश का पिछले साल अगस्त में एक स्टिंग ऑपरेशन में पर्दाफाश किया था। स्टिंग ऑपरेशन ने आरोप लगाया था कि पिछले साल अगस्त में लॉर्ड्स टेस्ट मैच के दौरान तीनों खिलाड़ियों ने 'स्पॉट फिक्सिंग' की थी। तीनों खिलाड़ियों ने सट्टेबाजों के साथ सांठगांठ की और इंग्लैंड के खिलाफ मैच के दौरान पहले से तय ओवर और गेंद पर 'नो बॉल' फेंकीं थी।
पहले खिलाड़ी इन आरोपों से इनकार करते रहे, लेकिन बाद में मोहम्मद आमिर और बुकी मजहर मजीद ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था। मामला सामने आने के बाद आईसीसी ने तीनों खिलाड़ियों को भ्रष्टाचार का दोषी पाते हुए उन पर प्रतिबंध लगा दिया था। बट्ट पर 10 साल की, आसिफ पर सात साल की और आमिर पर पांच साल की पाबंदी लगाई गई थी।
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