नई दिल्ली. कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने माना है कि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और गृहमंत्री पी. चिदंबरम के बीच 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर कामकाजी मतभेद थे। उन्होंने स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए ‘पहले आओ पहले पाओ’ नीति पर चिदंबरम का बचाव करते हुए कहा कि वे अकेले कैबिनेट के फैसले को नहीं बदल सकते थे।
खुर्शीद ने एक टीवी शो में कहा कि जब कैबिनेट ने नीलामी के खिलाफ एक बार फैसला कर लिया तो बाजार निर्धारण का क्या अलग तरीका हो सकता था। जब कैबिनेट के किसी फैसले के संदर्भ में बड़ी संख्या में मंत्रियों और एक मंत्री के बीच रजामंदी नहीं हो या दो मंत्रियों के बीच असहमति हो तो किसी एक बिंदु पर आपको हां कहना होगा।
उन्होंने भाजपा नेता अरुण जेटली के इस दावे का उपहास किया कि भ्रष्टाचार निवारण कानून की धारा 13 (11)डी (2) के तहत चिदंबरम लाइसेंस आवंटी को अनुचित आर्थिक लाभ देने के दोषी हैं। उन्होंने कहा, ‘क्या आप विश्लेषण कर सकते हैं कि यह आपराधिक दोष कैसे हुआ। योजना आयोग के दस्तावेज के आधार पर हम वहां धन हासिल करने के लिए नहीं थे।
हम अधिकतम कवरेज सुनिश्चित करना और लोगों को सस्ती दर पर टेलीफोन सुविधा उपलब्ध कराना चाहते थे।’ खुर्शीद ने कहा, ‘हमने जो किया, सोच समझ कर फैसला किया। राजा या चिदंबरम ने नहीं बल्कि कैबिनेट ने सोच समझ कर 2003 के कैबिनेट फैसले को जारी रखने का फैसला किया। वित्त मंत्रालय के नोट में निष्कर्षो में विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों का नजरिया परिलक्षित नहीं होता।’
जेपीसी की रिपोर्ट बजट सत्र से पहले
कन्नूर. 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के प्रमुख पीसी चाको ने कहा कि वे अपनी रिपोर्ट संसद के बजट सत्र से पूर्व सरकार को सौंप देंगे। उन्होंने कहा कि जेपीसी ने वित्त सचिव से पूछताछ करने का निर्णय लिया है।
अभी तक मामले की सिर्फ २५ प्रतिशत ही जांच हो पाई है। प्रक्रिया इतनी लंबी है कि सरकार द्वारा निर्धारित समय के भीतर रिपोर्ट पेश कर पाना मुश्किल है। जेपीसी पूर्व संचार मंत्रियों, ट्राई अध्यक्ष और दूरसंचार सचिव को पूछताछ के लिए बुलाएगी। विशेष स्थितियों में केंद्रीय मंत्रियों से भी पूछताछ करने का अधिकार जेपीसी के पास है।
नहीं की इस्तीफे की पेशकश : प्रणब
कोलकातात्न वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने उन खबरों को खारिज कर दिया है कि 2जी मुद्दे पर अपने मंत्रालय के एक नोट पर उठे विवाद के बाद उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की थी। उन्होंने भाजपा के नेता अरुण जेटली के बयान पर भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। जेटली ने विवाद के बाद मुखर्जी और गृहमंत्री पी. चिदंबरम के बीच सुलह को असहज बताया था। इस्तीफे की पेशकश पर उन्होंने शनिवार को यहां कहा कि यह सब बेकार की बात है। अगर आपके पास कोई गंभीर सवाल नहीं है तो रहने दीजिए।
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